आपने जम्मू कश्मीर में होने वाली अमरनाथ यात्रा के बारे में सुना होगा। जो हर वर्ष जून से अगस्त के बीच होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं की उत्तराखंड में भी एक अमरनाथ गुफा स्थित है, जो “छोटा अमरनाथ” या “टिम्मरसैंण महादेव मंदिर” के नाम से जाना जाता है। यहाँ भी जम्मू कश्मीर की अमरनाथ गुफा की तरह, बर्फ से प्राकृतिक रूप में एक शिवलिंग का निर्माण होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 4-5 फीट तक होती है।
इस यात्रा के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं जिस कारण यह एक हिडन प्लेस की तरह है और 2019 से उत्तराखंड सरकार ने यहाँ पर पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, जिसके बाद ही यह मंदिर लोगो के बीच चर्चा का केंद्र बना। इस ब्लॉग में हम इसी पवित्र टिम्मरसैंण मंदिर की यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे। यह पवित्र मंदिर कहाँ स्थित है? टिम्मरसैंण महादेव मंदिर का ट्रेक, मंदिर तक कैसे पहुंचे? मंदिर की यात्रा कैसे करें, आदि। तो ब्लॉग को अंत तक ध्यान से पढ़े…
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर कहाँ स्थित है?
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले की नीति घाटी में मलारी गांव के पास स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 1 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करना पड़ेगा। यह मंदिर हरिद्वार से 354 किलोमीटर और जोशीमठ से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर का इतिहास
उत्तराखंड के नीति वैली के नीति गांव के पास स्थित टिम्मरसैंण महादेव मंदिर, जहाँ प्राकृतिक रूप से बर्फ की एक शिवलिंग का निर्माण होता है, एक बहुत ही प्राचीन और धार्मिक इतिहास को समेटे हुए है।
टिम्मरसैंण की गुफा में बनने वाली प्राकृतिक बर्फ की शिवलिंग को बहुत ही प्राचीन समय का बताया जाता है और ऐसा कहा जाता है की इसे नीति गांव के किसी एक संत ने सबसे पहले देखा था, जिसके बाद ही इस पवित्र गुफा की यात्रा शुरू हुयी, जिसे स्थानीय भाषा में “सौंसा यात्रा” कहा जाता है। यह गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन आप फरवरी से अप्रैल के बीच में कर सकते हैं। हर वर्ष अप्रैल के समय में स्थानीय लोग नीति गांव के नंदा देवी मंदिर में दर्शन और पूजन करने के बाद टिम्मरसैंण महादेव मंदिर की यात्रा शुरू करते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय
बाबा बर्फानी की इस पवित्र गुफा में आने का सबसे अच्छा समय फरवरी से अप्रैल का है और इस समय आप पूर्ण रूप में बाबा बर्फानी यानि महादेव के दर्शन कर सकते हैं। फरवरी से मार्च के बीच के समय में अधिक बर्फवारी के कारण मंदिर की यात्रा करना थोड़ा कठिन होता है, इसलिए आप अप्रैल के महीने में इस यात्रा को करें। बाकि आप बारिश के मौसम को छोड़कर कभी भी इस यात्रा को कर सकते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर कैसे पहुंचे?
यह पवित्र मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के नीति गांव के पास में स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले जोशीमठ आना होगा, जहाँ से मंदिर की दूरी मात्र 82-84 किलोमीटर रह जाती है। आप इस मंदिर तक कैसे और किन-किन माध्यमों से पहुंच सकते हैं, उसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है की आप सड़कमार्ग द्वारा इस मंदिर की यात्रा करें। यह मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार शहर से 354 किलोमीटर की दूरी पर और जोशीमठ से मात्र 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आपके पास आपका खुद का वाहन है तो आप हरिद्वार से इस यात्रा को प्रारम्भ करके पंच प्रयाग, जोशीमठ होते हुए आप नीति गांव तक पहुंच सकते हैं। नीति गांव से 1 किलोमीटर पहले मुख्य सड़क से इस मंदिर के लिए पैदल मार्ग गया है, जो मात्र 1 किलोमीटर का है।
इसके अलावा आप हरिद्वार से प्राइवेट टैक्सी बुक करके भी टिम्मरसैंण मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। यदि आप लोकल शेयरिंग वाहन द्वारा आना चाहते हैं तो आप हरिद्वार से जोशीमठ के लिए शेयरिंग गाड़ी ले सकते हैं और फिर वहां से नीति गांव तक आप लोकल गाड़ी बुक कर सकते हैं।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि रेलमार्ग की बात की जाए तो नीति गांव में कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है। नीति गांव के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जहाँ तक आप ट्रेन का सफर तय कर सकते हैं। इसके बाद के सफर को आपको सड़कमार्ग द्वारा ही पूरा करना होगा।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि हवाईमार्ग की बात की जाए तो नीति गांव के सबसे नजदीक एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो देहरादून में स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी द्वारा आप देहरादून बस स्टैंड आ सकते हैं, जहाँ से प्राइवेट गाड़ी बुक करके आप इस मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर की यात्रा कैसे करें?
इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा, जिसे जोशीमठ कार्यालय में जमा करना होगा। इसके बाद ही आप इस यात्रा को शुरू कर सकते हैं, क्योंकि यात्रा के दौरान काफी जगह पर आपका फॉर्म चैक किया जाता है। इस मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी ट्रेवल कंपनी से कोई पैकेज बुक कर लें या फिर आप खुद ही जोशीमठ पहुंचकर यात्रा से जुड़े सभी काम करें।
रजिस्ट्रेशन फॉर्म जमा करने के बाद आप जोशीमठ से सुबह 10 बजे से पहले ही इस यात्रा को शुरू कर दें अन्यथा आपको 10 बजे के बाद यात्रा की परमिशन नहीं दी जाएगी। अपनी इस यात्रा में आप नीति गांव में रुक सकते हो और वहां से मंदिर की पैदल यात्रा शुरू कर सकते हो।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर ट्रेक
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कुछ मीटर का पैदल ट्रेक करना होगा। नीति गांव के मुख्य सड़क से मात्र 1 किलोमीटर का ट्रेक करके आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं। ट्रेक ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन यदि आप फरवरी के समय इस ट्रेक को करते हैं तो यह काफी मुश्किल हो जाता है। ट्रेक का शुरू का भाग आसान है जिसमे आपको हल्की चढ़ाई करनी पड़ती है। इस ट्रेक का सबसे मुश्किल भाग अंत के कुछ मीटर के हैं, जिसमें आपको टूटी-फूटी सीढ़ियां चढ़नी होती हैं और सीढ़ियों पर पड़ा पानी इसे और मुश्किल बना देता है। इस भाग को पूरा करने के बाद आप मंदिर की गुफा तक पहुंच जायेंगे, जहाँ आप महादेव के दर्शन कर सकते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर के आस-पास होम स्टे
यह मंदिर जोशीमठ से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसे पूरा करने में आपको लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगेगा और यदि आप ठंडो के समय, यहाँ की यात्रा कर रहे हैं तो इससे ज्यादा समय लग सकता है। जिसके कारण यहाँ एक रात रूककर ही इस यात्रा को करना चाहिए।
यहाँ रुकने के लिए आपको नीति गांव में कुछ होम स्टे मिल जायेंगे और इसके अलावा आपको नीति के पास गमशाली में भी होम-स्टे की सुविधा मिल जाएगी। लेकिन यदि आप नवंबर से मार्च के बीच में यहाँ की यात्रा करते हैं तो इन दोनों गांव में एक भी होमस्टे की सुविधा नहीं मिलेगी, क्यों कि अधिक ठण्ड और बर्फवारी के कारण यहाँ के स्थानीय लोग नीचे जोशीमठ की तरफ चले जाते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर की यात्रा हेतु पंजीकरण जानकारी
मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको जोशीमठ में पंजीकरण/रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है। इसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट/दस्तावेज की आवश्यकता होती है। जिसे हम नीचे बता रहे हैं…
- यात्रियों के आधार कार्ड की फोटो कॉपी
- यात्रियों का पासपोर्ट साइज फोटो
- ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस
पंजीकरण फॉर्म में आपको आपकी सभी जानकारी सही-सही भरनी होगी , इसके बाद उसे आपको जोशीमठ कार्यालय में जमा करना होगा। टिम्मरसैंण मंदिर के लिए प्रति दिन 25 श्रद्धालुओ के लिए परमिशन दी जाती है, इसलिए जल्दी ही अपना फॉर्म कार्यालय में जमा करें।