2025 मथुरा वृन्दावन होली का कार्यक्रम | मथुरा वृन्दावन के मंदिर, कैसे पहुंचे? कहाँ रुके? आदि यात्रा की जानकारी

भारत में होली का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है और भारत के लोगो के साथ-साथ यह विदेशी पर्यटकों के बीच भी काफी आकर्षण का केंद्र होता है। भारत के विभिन्न शहरों में अलग-अलग तरह से होली का त्यौहार मनाया जाता है, जिसमें से सबसे अधिक धूम श्री कृष्ण की जन्म भूमि और उनकी पालन भूमि मथुरा वृन्दावन में होती है। मथुरा वृन्दावन में होली का त्यौहार लगभग 1 हफ्ता पहले से ही मनाना शुरू हो जाता है और वहां के मंदिरो से लेकर गलियों में इसका खूबसूरत रंग देखने को मिल जाता है।

इस ब्लॉग में हम मथुरा-वृन्दावन के मंदिर और 2025 मथुरा वृन्दावन होली का कार्यक्रम के बारे में सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- कौन से दिन कहाँ होली मनाये जायेगी? आप कब-कब यहाँ विजिट कर सकते हैं? यहाँ कैसे पहुंचे? आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े…

2025 मथुरा वृन्दावन होली का कार्यक्रम / मथुरा वृन्दावन में होली कब-कब और कहाँ-कहाँ पर है?

2025 में होली 14 मार्च को पूरे भारत में बड़े ही धूम-धाम से मानई जाएगी। होली का सबसे ज्यादा क्रेज उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृन्दावन में देखने को मिलता है और यहाँ की होली विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। मथुरा और वृन्दावन के श्री कृष्ण से जुड़े होने के कारण यहाँ होली खेलने के तरीके अलग-अलग प्रकार के हैं, जो काफी रोचक और खूबसूरत होते हैं। यहाँ पर लड्डूमार होली, लट्ठमार होली, छड़ीमार होली, और फूलों की होली खेली जाती है, जिसमें आप शामिल होकर इसके रंग में रंग सकते हैं और आनंद प्राप्त कर सकते हैं। नीचे हम 2025 मथुरा वृन्दावन होली का कार्यक्रम की तिथियों के बारे में बता रहे हैं…

  1. 7 मार्च 2025 (शुक्रवार)

मथुरा वृन्दावन में होली 7 मार्च से खेलनी शुरू हो जाएगी, जो सबसे पहले बरसाना के श्री जी मंदिर में खेली जायेगी। श्री जी मंदिर में सबसे पहले लड्डूमार होली खेली जाएगी, जिसमें श्रद्धालु पैकेट में भर कर लड्डुओं को एक दूसरे को देते हैं। लड्डूमार होली का अपना एक अलग रोमांच है, जिसे देखने और खेलने के लिए लोग श्री जी के मंदिर में दूर-दूर से आते हैं।

  • दिन:- 7 मार्च
  • जगह:- श्री जी मंदिर (बरसाना)
  • होली:- लड्डूमार होली

2. 8 मार्च 2025 (शनिवार).

लड्डूमार होली के अगले दिन 8 मार्च को बरसाना में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली शुरू होगी, जिसकी धूम आप बरसाना के श्री जी मंदिर से लेकर पूरे बरसाना की छोटी-छोटी गलियों में देख सकते हैं। यह होली बरसाना के स्थानीय लोगो द्वारा खेली जाती है, जिसमें स्त्रियां, पुरुषो को लट्ठ से मारती हैं और पुरष एक सील्ड से उससे बचते हैं। यह होली बहुत प्राचीन समय से खेली जा रही है, जिसे देखने के लिए लोग देश-विदेश से बरसाना में पहुंचते हैं।

  • दिन:- 8 मार्च
  • जगह:- श्री जी मंदिर (बरसाना) से शुरू होकर पूरे बरसाना में
  • होली:- लट्ठमार होली

3. 9 मार्च 2025 (रविवार)

9 मार्च को आप मथुरा के नंदगाव में बने नंदभवन में लट्ठमार होली देखने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा आप इस होली को खेल भी सकते हैं। इस होली को देखने के लिए अधिक संख्या में लोग आते हैं, तो आप जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी नंदगाव में पहुंच जाएँ। नन्दभवन में लट्ठमार होली के साथ गुलाल से भी होली खेली जाती है, जो काफी आकर्षक लगती है।

  • दिन:- 9 मार्च
  • जगह:- नंदभवन, नंदगाव (मथुरा)
  • होली:- लट्ठमार होली

4. 10 मार्च 2025 (सोमवार)

10 मार्च को आप सुबह में जल्दी उठकर वृन्दावन के श्री बांके बिहारी मंदिर पहुंच जाएँ, जहाँ आज के दिन आप फूलों की होली का आनंद उठा सकते हैं। वृन्दावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली का एक अलग ही धूम होती है और श्रद्धालु इसे बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। इस होली में श्रद्धालु रंगो के साथ फूलों की होली खेलती हैं और भजनो की धुन पर नाचते-गाते हैं।

इसके अलावा आज के दिन मथुरा के श्री कृष्ण जन्म भूमि स्थान पर और पूरे मथुरा में एक विशेष आयोजन किया जाता है। आज के दिन आप मथुरा में हर किसी को होली के रंग में रंगे हुए देख सकते हो, इसके अलावा शाम के समय श्री कृष्ण जन्म भूमि में दर्शन कर मंदिर को लाइटों से सजा हुआ देख सकते हो।

  • दिन:- 10 मार्च
  • जगह:- श्री बांके बिहारी मंदिर (मथुरा), श्री कृष्ण जन्म भूमि स्थल (मथुरा)
  • होली:- फूलों की होली, होली का विशेष आयोजन श्री कृष्ण जन्म भूमि स्थल पर

5. 11 मार्च 2025 (मंगलवार)

11 तारीख को आप गोकुल की यात्रा कर सकते हैं और वहां की होली का लुफ्त उठा सकते हैं। गोकुल के अलावा आप रमन रेती मंदिर में भी होली का आनंद ले सकते हैं। सबसे ज्यादा विदेशी श्रद्धालु होली देखने और खेलने के लिए रमन रेती मंदिर में ही विजिट करते हैं। तो आप भी इस मंदिर में आ सकते हैं और होली का आनंद ले सकते हैं।

  • दिन:- 11 मार्च
  • जगह:- गोकुल और रमन रेती मंदिर (मथुरा)

6. 13 मार्च 2025 (बृहस्पतिवार)

इसके बाद 12 मार्च को कहीं भी होली नहीं खेली जाती है और फिर 13 मार्च को होली का दहन किया जाता है। 13 मार्च को आप पूरे भारत की सबसे भव्य और बड़ी होली का दहन मथुरा के विश्राम घाट पर देख सकते हैं। इसके अलावा आप द्वारकाधीश मंदिर डोला और वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में विशेष होली का दहन पूजन में शामिल हो सकते हैं।

  • दिन:- 13 मार्च
  • जगह:- द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा विश्राम घाट, वृन्दावन श्री बांके बिहारी मंदिर
  • होली:- होली का दहन और पूजन

7. 14 मार्च 2025 (शुक्रवार)

14 तारीख को मथुरा वृन्दावन के साथ-साथ पूरे भारत में होली खेली जाएगी। आज आप मथुरा वृन्दावन के अन्य मंदिरो में जाकर विजिट कर सकते हैं इसके अलावा आप पूरे ब्रज में अबीर और गुलाल की होली पानी के साथ खेल सकते हैं। आज के दिन आप लट्ठमार होली, छड़ीमार होली को भी देख सकते हैं। आज के दिन पूरे मथुरा में अलग रौनक होती है। लोग भजनो और होली के गानों पर नाचते हैं और भांग पीते हैं।

  • दिन:- 14 मार्च
  • जगह:- पूरा ब्रज
  • होली:- अबीर और गुलाल की होली

तो मथुरा वृन्दावन में कुछ इस प्रकार से होली का त्यौहार मनाया जायेगा। आप इस कार्यक्रम के अनुसार होली के समय मथुरा-वृन्दावन की यात्रा का प्लान कर सकते हैं। इसके अलावा आप अन्य मंदिरो में भी विजिट कर सकते हैं जैसे- प्रेम मंदिर, केशी घाटी, इस्कॉन मंदिर और निधिवन आदि।

कहाँ रुकें?

यदि आप होली के समय यहाँ की यात्रा करना चाहते हैं तो आप कुछ दिन पहले ही ऑनलाइन मथुरा या वृन्दावन में रूम बुक कर लें, क्यों कि होली के समय आपको यहाँ पर रूम मिलना मुश्किल है और अगर मिलेगा भी तो बहुत महँगा होगा। इसके अलावा आप मथुरा या गोकुल में रूम लेने का प्रयास करें क्यों कि यहाँ रूम मिलना आसान है।

कैसे पहुंचे?

मथुरा पहुंचने के लिए आप सबसे आसान तरीके रेलमार्ग का उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए आपको पहले से ट्रेन में रिजर्वेशन कराना होगा। यदि आपको ट्रेन में शीट नहीं मिलती है तो आप बस का भी उपयोग कर सकते हैं। मथुरा के लिए देश के बहुत से शहरों से सीधे बसे चलती हैं, जिसके द्वारा आप मथुरा तक पहुंच सकते हैं। मथुरा से आप लोकल e-बसों द्वारा बरसाना, गोकुल जैसी जगहों तक पहुंच सकते हैं। होली के समय इन बसों में बहुत अधिक भीड़ देखने को मिलती है इसलिए आप प्राइवेट गाड़ियों का उपयोग भी कर सकते हैं, जो थोड़ी महंगी हो सकती हैं।

टिप्स

  • यदि आप ब्रज की होली में शामिल होना चाहते हैं और आप ट्रेन द्वारा आना चाहते हैं तो पहले से ही रिजर्वेशन करा ले क्योंकि होली के पास के समय में आपको ट्रेन की शीट नहीं मिलेगी।
  • मथुरा-वृन्दावन आने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने वेहिकल से आये।
  • होली के समय में अधिक भीड़ होने पर आपको बड़ी गाड़ी के साथ मंदिर के 2 किलोमीटर एरिया में एंट्री नहीं मिलेगी इसलिए पैदल चलने के लिए भी तैयार रहें।
  • मथुरा-वृन्दावन की होली विश्व प्रसिद्ध होली है, जिस वजह से लोग दूर-दूर से इसमें शामिल होने के लिए आते हैं। अधिक भीड़ से बचने और मंदिर में एंट्री करने के लिए आप जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी सुबह में मंदिर आ जाएँ।
  • यदि आपके साथ 5 साल से छोटे बच्चे और 60 साल से बड़े बुजुर्ग हैं तो आप उनके साथ होली के समय यहाँ की यात्रा न करें।
  • आप होली के समय रुकने और ट्रांसपोर्ट से छुटकारा पाने के लिए एक पैकेज को भी बुक कर सकते हैं, जो आपकी यात्रा को काफी आराम पहुंच सकता है।

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