उत्तराखंड राज्य को “देव भूमि” के नाम से जाना जाता है, यानि इसके कण-कण में देवो का निवास है। उत्तराखंड का हरिद्वार एक बहुत ही दिव्य शहर है, जो अपने अलौकिक दिव्य मंदिरो, गंगा के घाटों और प्राचीन मंदिरो के इतिहास को प्रदर्शित करता है। हरिद्वार और इसके आस-पास बहुत ही दिव्य और प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनका वर्णन हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथो में मिलता है। इन मंदिरो में से कुछ मंदिर बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं, जबकि कुछ मंदिर के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। ऐसा ही एक मंदिर हरिद्वार से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसे “कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर” के नाम से जाना जाता है।
यह मंदिर सतयुग काल का माना जाता है जो हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत आता है। इस ब्लॉग में हम इस प्राचीन मंदिर की यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे जैसे- मंदिर कहाँ स्थित है? मंदिर का इतिहास? मंदिर से जुड़ी पौराणिक कहानी? और मंदिर तक कैसे पहुंचे? आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े और यदि आप इस मंदिर की यात्रा पहले कर चुकें हैं तो अपना अनुभव हमारे साथ शेयर करें…
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर कहाँ स्थित है?
यह दिव्य और अलौकिक शिव मंदिर हरिद्वार से मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर श्यामपुर क्षेत्र के पास स्थित है। यह मंदिर हरिद्वार-बिजनौर राष्टीय राजमार्ग पर नजीबाबाद रोड के किनारे पर स्थित है।
- पता:- हरिद्वार नजीबाबाद रोड निकट सज्जनपुर पीली हरिद्वार
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर लगभग 5 हज़ार साल पुराना है, जिसका वर्णन हिन्दू धर्म ग्रंथो में मिलता है। यह मंदिर उत्तरखंड के राजाजी नेशनल पार्क के घने जंगल के बीच में स्थित है, जो वर्तमान समय में हरिद्वार नजीबाबाद रोड के किनारे आ गया है। इस मंदिर को बाबा संतराम ने खोजा था।
जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर के चारो ओर खुदाई कराई जिसमे कई हज़ार साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले, जिन्हे आप इस मंदिर के प्रागण में देख सकते हैं। खुदाई के दौरान एक शिवलिंग भी मिली जिसकी कार्बन डेटिंग करने से पता चलता है की यह शिवलिंग लगभग 5 हज़ार साल पुरानी है। यह शिवलिंग मंदिर में स्थित है जिसके आप दर्शन कर सकते हैं।
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर की कहानी
हरिद्वार के पास स्थित इस दिव्य मंदिर का वर्णन स्कंदपुराण में मिलता है, जिसमे इस मंदिर को अमरकेश्वर नाम से सम्बोधित किया गया है। इस मंदिर का सम्बन्ध भगवान शिव के विवाह से जोड़ा जाता है और ऐसा कहा जाता है की जब भगवान शिव, माता सती से विवाह के लिए कनखल जा रहे थे तो कैलाश के बाद उनका पहला पड़ाव यही मंदिर था, जहाँ भगवान शिव और उनके गणों ने विश्राम किया था।
इसी जगह पर शिव के गणों ने कुंडी सोटे में भांग घोटी थी और उसका भोग भगवान शिव को लगाया था। इसके बाद ही इस मंदिर का नाम कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। इस कहानी का प्रमाण मंदिर के प्रवेश द्वार पर रखे प्राचीन कुंडी और सोटा देता है, जो खुदाई के दौरान मिले। मंदिर के अंदर एक वाटिका बनी हुयी है जिसमे आप माता सती के दर्शन कर सकते हैं और इसी वाटिका में एक दिव्य गुफा स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है की इसी गुफा में भगवान शिव ने आराम किया था लेकिन वक़्त के साथ इस गुफा में काफी परिवर्तन आ चूका है।
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर तक कैसे पहुंचे?
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार से मात्र 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आप हरिद्वार की यात्रा पर हैं तो आप इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर जाए। हरिद्वार से प्राइवेट टैक्सी या गाड़ी बुक करके आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह हरिद्वार-बिजनौर राष्टीय राजमार्ग पर स्थित है तो आप बिजनौर से आते हुए इस मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।
- निकटतम रेलवे स्टेशन:- हरिद्वार रेलवे स्टेशन
- निकटतम एयरपोर्ट:- जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून
मंदिर का विवरण
मंदिर राष्टीय राजमार्ग के किनारे पर स्थित है जिसे आप मुख्य रोड से ही देख सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको रोड से लगभग 50 से 100 सीढ़ियां चढ़नी होंगी। पहली सीढ़ी के पास ही प्राचीन कुंडी और सोटा रखे हुए हैं, इसके बाद आप सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में प्रवेश करते हैं जिसमे सबसे पहले आप भगवान शिव के पिंडी रूप के दर्शन करते हैं, जो केदारनाथ मंदिर के स्वरूप की तरह हैं। पिंडी के चारो ओर छोटी-छोटी चार शिवलिंग स्थापित है और उसके पास ही एक त्रिशूल लगा हुआ।
मंदिर के बाहर दायीं ओर एक वाटिका है जिसमे आप माता पार्वती के दर्शन कर सकते हैं और वाटिका में ही प्राचीन गुफा स्थित हैं जहाँ भगवान शिव ने विश्राम किया था। मंदिर में बहुत से प्राचीन पेड़ भी स्थित हैं जो सतयुग काल के ही बताएं जाते हैं। मंदिर के बाहर प्रागण में खुदाई द्वारा प्राप्त अवशेष भी रखे हुए हैं, जिन्हे आप देख सकते हैं।
मंदिर आने का सबसे अच्छा समय
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर पूरे साल खुला रहता है, लेकिन महाशिवरात्रि के समय इस मंदिर में आना बहुत शुभ माना जाता है। यदि सीजन के हिसाब से सबसे अच्छे समय की बात की जाए तो मार्च से जून के बीच का समय काफी अच्छा होता है। बाकि आपके ऊपर निर्भर करता है की आपको किस प्रकार मौसम पसंद है।
कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर की टाइमिंग
इस मंदिर में आने से पहले आपको इस मंदिर की टाइमिंग के बारे में जरूर पता होना चाहिए। यह मंदिर सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर से जुड़े कुछ फैक्ट
- यह मंदिर लगभग 5 हज़ार साल पुराना है और ऐसा माना जाता है की भगवान शिव अपनी बारात के दौरान इसी जगह रुके थे।
- इस मंदिर में भगवान शिव पिंडी रूप में विराजमान हैं, जो केदारनाथ के बाद इस मंदिर में हैं इसलिए इस मंदिर के दर्शन करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है।
- पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई करने पर यहाँ पर बहुत से प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं।
- मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है जो मंदिर की खुदाई के दौरान निकली थी।
- मंदिर में एक सांप को देखा गया है जिसके बारे में कहा जाता है की वह समय-समय पर शिवलिंग के चारो ओर लिपट जाता है।
- मंदिर में एक वृक्ष स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है उस पर भूत पिशाच रहते हैं जिनके लिए हर रोज खाना निकला जाता है और उस वृक्ष के पास जाना भी मना है। ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर में विश्राम के दौरान भूत-पिशाच भांग पीकर इतने मगन हुए की वो वृक्ष पर चढ़ गए और बारात में जाना ही भूल गए।