हिमांचल प्रदेश में बहुत से खूबसूरत डेस्टिनेशन हैं, जो हर सीजन में पर्यटकों के लिए अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अधिकतर पर्यटक हिमांचल के सबसे प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन “शिमला या मनाली” में घूमकर ही वापस चले जाते हैं, जिससे हिमांचल के बहुत सी प्लेसेस अनदेखी रह जाती हैं। ऐसी ही एक डेस्टिनेशन कुल्लू जिले के बंजर घाटी में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूसबूरत जगहों के साथ-साथ स्टे ऑप्शन के लिए जानी जाती है। हम बात कर रहे हैं, हिमांचल प्रदेश की खूबसूरत डेस्टिनेशन “जीभी” की।
इस ब्लॉग में हम जीभी की यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- जीभी कहाँ पर है? जीभी टूरिस्ट प्लेसेस, जीभी के सबसे अच्छे ट्री हाउसेस, जीभी कैसे पहुंचे? जीभी आने का सबसे अच्छा समय आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े…
जीभी कहाँ पर है?
हिमांचल प्रदेश में स्थित जीभी एक खूबसूरत और ऑफ बीट डेस्टिनेशन है, जो अपनी हरी-भरी प्रकृति, शांत वातावरण, खूबसूरत प्राचीन मंदिरो और रोमांचकारी ट्रेक्स के लिए जाना जाता है। यह खूबसूरत जगह हिमांचल प्रदेश के कुल्लू जिले की बंजर घाटी में स्थित है, जो प्रकृति से भरे सुन्दर दृश्यों के लिए जानी जाती है।
जीभी में घूमने की सबसे अच्छी जगहें/जीभी टूरिस्ट प्लेसेस
जीभी में घूमने के लिए बहुत सी जगहें हैं, जो हर किसी को एक नया अनुभव प्रदान करती हैं। जीभी में आपको देखने के लिए बहुत से प्राचीन मंदिर मिल जायेंगे जिन तक पहुंचने का रास्ता काफी रोमांचकारी होता है। यहाँ पर कुछ झीले हैं, जो स्वच्छ पानी के साथ शांत वातावरण को प्रदर्शित करती हैं। ऐसी ही जीभी की कुछ बेहतरीन टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में हम नीचे बता रहे हैं…
जीभी वॉटरफॉल
जीभी में घूमने के लिए जो सबसे पहली जगह हैं वो है “जीभी वॉटरफॉल”। जीभी वॉटरफॉल जीभी मार्केट से मात्र 15 मिनट की पैदल दूरी पर स्थित है। जीभी वॉटरफॉल तक पक्की सड़क बनी हुयी है तो आप अपनी गाड़ी से वॉटरफॉल तक आ सकते हैं। इस वॉटरफॉल के ठीक नीचे एक लड़की का पुल बना हुआ है, जहाँ आप नहा भी सकते हैं। प्रकृति से घिरे होने के कारण आपको यहाँ पर स्वच्छ वातावरण और मन को तरोताजा करने वाला एहसास होगा। तो आप जीभी आने पर जीभी वॉटरफॉल जरूर आएं।
चैनी कोठी
यदि आप भारत की भव्य ऐतिहासिक विरासत को देखना चाहते हैं तो आप जीभी से मात्र 2.5 किलोमीटर का ट्रेक करके “चैनी कोठी” तक पहुंच सकते हैं। चैनी कोठी एक ऐतिहासिक इमारत है, जो लड़की और पत्थरो द्वारा बनायीं गयी है। यह एक ऐतिहासिक विरासत है, जिसके अंदर प्रवेश करना मना है। इसके पास ही एक रानी का महल बना हुआ है, जिसे वर्तमान समय में एक मंदिर में बदल दिया गया है। चैनी कोठी में विजिट करने का सबसे अच्छा समय दोपहर के वक़्त होता है। आप चैनी कोठी घूमने के बाद इस गांव में भी घूम सकते हैं और यहाँ का पारम्परिक खाना “सिद्दू” टेस्ट कर सकते हैं।
जालोरी पास
आप जीभी से 12 किलोमीटर दूरी जालोरी पास जा सकते हैं, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और छोटे-छोटे रोमांचकारी ट्रेक्स के लिए जाना जाता है। जालोरी पास समुद्र तल से 10800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जालोरी पास के टॉप पर एक माँ काली का प्राचीन मंदिर बना हुआ है, जो पहाड़ो के बीच में अध्यात्म का केंद्र बिंदु है। आप जीभी से प्राइवेट टैक्सी बुक करके जालोरी पास तक पहुंच सकते हैं। जालोरी पास एडवेंचर के शौक़ीन लोगो के लिए किसी स्वर्ग की तरह है, जो सेरोलसर और रघुपुर फोर्ट तक के एडवेंचर ट्रेक पेश करता है। जालोरी पास भी जीभी टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है।
सेरोलसर झील
देवदार के घने जंगल के बीच स्थित सेरोलसर झील प्रकृति का एक चमत्कार है। यह झील 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इस झील तक पहुंचने के लिए आपको जालोरी पास से 5 किलोमीटर लम्बा रोमांचकारी ट्रेक करना होगा।
इस झील पर पहुंचने पर आप इसके पानी को बिलकुल साफ देख सकते हैं इसका कारण यह की इस झील के पास एक “अभि” नाम का पक्षी पाया जाता है, जो इस झील को गन्दा नहीं होने देता है। इस झील के पास ही एक बूढ़ीनागिन नाम का प्राचीन मंदिर बना हुआ है, जिसके प्रति स्थानीय लोगो की गहरी आस्था है। तो आप इस मंदिर में भी विजिट कर सकते हैं।
रघुपुर फोर्ट
जालोरी पास से 3 किलोमीटर की दूरी पर बना रघुपुर फोर्ट, प्राचीन समय में स्थानीय राजाओ द्वारा बनवाया गया था, जो आज वर्तमान समय में खंडहर हो चूका है। यह फोर्ट समुद्र तल से 10800 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है और यहाँ से हिमालयन रेंज के पहाड़ो के व्यापक दृश्य दिखाई पड़ते हैं।
आप जब भी रघुपुर फोर्ट तक का ट्रेक करें तो अपने साथ कुछ खाने-पीने का सामान जरूर रख लें क्योंकि यहाँ पर आपको कोई भी खाने-पीने की दूकान नहीं मिलेगी। रघुपुर फोर्ट से कुछ दूरी का ट्रेक करके आप रघुपुर लेक और पांडुरोपा तक पहुंच सकते हैं। जो जीभी के पास स्थित कुछ और बहुत ही खूसबूरत जगहें हैं। जिन्हे आप अपनी जीभी की ट्रिप में शामिल कर सकते हैं।
जीभी में आप क्या-क्या कर सकते हैं?
जीभी में घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगहें है, इसके साथ ही आप यहाँ पर बहुत सी एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। आप यहाँ पर कुछ खूबसूरत ट्रेक्स, बर्ड वाचिंग, और लकड़ी के बने ट्री हाउस में रुकने जैसी गतिविधयां कर सकते हैं।
जीभी के सबसे अच्छे ट्री हाउसेस और स्टे ऑप्शन
जीभी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा ट्री हाउसेस, कॉटेज और बेहतरीन स्टे ऑप्शन के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है। जीभी आने वाले पर्यटक यहाँ बने ट्री हाउसेस में रहना काफी पसंद करते हैं। जीभी में सबसे अच्छे ट्री हाउसेस के ऑप्शन आपको जीभी से कुछ किलोमीटर दूर टांडी में देखने को मिलेंगे, जहाँ आपको हर तरह के ऑप्शन मिल जायेंगे जो आपके बजट में होंगे।
यदि इन ट्री हाउसेस के रेंट की बात करें तो वो सीजन, लोकेशन और सुविधाओं पर निर्भर करते हैं। यहाँ आपको 2000 रुपये से लेकर 7500 रुपये तक के बीच में एक अच्छा ट्री हाउस का विकल्प मिल जायेगा, इसके अलावा यहाँ पर रिसोर्ट और कॉटेज के भी बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं, जिन्हे आप चुन सकते हैं। नीचे हम कुछ ट्री हाउस के नाम बता रहे हैं…
- The Hidden Burrow Treehouse (रेंज- 4500 से 5500 रुपये प्रति नाईट)
- The Forest Edge Treehouse (रेंज- 6000 से 7500 रुपये प्रति नाईट)
- Jibhi Treehouse Cottages (रेंज- 2000 से 3000 रुपये प्रति नाईट)
- Whispering Pines Treehouse (रेंज- 5000 से 6500 रुपये प्रति नाईट)
- Cedarwood Treehouse (रेंज- 5500 से 7000 रुपये प्रति नाईट)
- Majestic view Cottage (रेंज- 1500 से 2500 रुपये प्रति नाईट)
- Crystal Mountain Jibhi (रेंज- 1500 से 2500 रुपये प्रति नाईट)
जीभी आने का सबसे अच्छा समय
जीभी आने के सबसे अच्छे समय की बात करें तो वो आप पर निर्भर करता है की आपको किस तरह के मौसम में जीभी घूमना पसंद है। जीभी अलग-अलग सीजन में अपनी अलग-अलग खूबसूरती को पेश करता है। यदि अपने हिसाब से जीभी घूमने के सबसे अच्छे समय की बात की जाये तो वो मार्च से जून के बीच का होता है। बाकि हम अलग-अलग सीजन के हिसाब से जीभी आने के सबसे अच्छे समय के बारे में बता रहे हैं…
मार्च से जून
हिमांचल घूमने के लिए मार्च से जून के बीच का समय सबसे आदर्श समय माना जाता है। ये महीने गर्मियों के होते हैं और इस समय शहरी क्षेत्रो के तुलना में पहाड़ी क्षेत्रो में ठंडक रहती है, जिस कारण पर्यटक इन महीनो में सबसे अधिक पहाड़ो पर घूमने के लिए आते हैं। मार्च से जून के बीच में जीभी में आपको एक आदर्श मौसम देखने को मिलेगा।
इन महीनो में न तो अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक ठण्ड, जिस वजह से यह समय घूमने के लिए सबसे आदर्श समय माना जाता है। मार्च से जून के बीच में मौसम साफ़ होता है जिस वजह से आप जीभी से हिमालयन रेंज के बर्फ से ढके पहाड़ो को भी देख सकते हैं, साथ ही खूबसूरत फोटो भी क्लिक करा सकते हैं।
जुलाई से अगस्त
जुलाई से अगस्त के महीने जीभी घूमने के लिए थोड़े मुश्किल भरे होते हैं क्योंकि ये बारिश के महीने होते हैं। जुलाई से अगस्त के बीच अधिक बारिश होने पर लैंड स्लाइड होने पर जीभी जाने के रास्ते ब्लॉक हो जाते हैं, जिस वजह से आप यहाँ फंस सकते हैं। यदि आपको बारिश का मौसम पसंद है तो आप यहाँ घूमने आ सकते हैं, लेकिन मेरा मानना यह है कि आप इन महीनो में जीभी घूमने ना आये।
सितम्बर से नवंबर
ये बारिश के बाद का समय होता है, जो जीभी की प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस समय जीभी की प्राकृतिक सुंदरता अपनी चरमसीमा पर होती है और हर तरफ सिर्फ आपको हरियाली ही देखने को मिलेगी। सितम्बर के बाद आपको यहाँ पर हल्की-हल्की ठण्ड महसूस होने लगेगी, जिस वजह से जीभी घूमने के लिए ये महीने, कपल्स के लिए सबसे अच्छे होते हैं।
दिसंबर से फरवरी
यदि आपको ठण्ड पसंद है और आप जीभी में बर्फवारी का अनुभव करना चाहते हैं तो आप दिसंबर से फरवरी के बीच जीभी घूमने आ सकते हैं। इस समय आपको यहाँ पर बर्फवारी देखने के लिए मिल जायेगी। लेकिन अधिक बर्फवारी होने के कारण जीभी के रास्ते भी ब्लॉक हो जाते हैं, जिस वजह से आपको यहाँ घूमने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जीभी कैसे पहुंचे?
जीभी पहुंचने के कई सारे विकल्प मौजूद हैं, जैसे प्राइवेट कैब या वॉल्वो बस, ट्रेन, फ्लाइट और खुद की गाड़ी। आप किस तरह से और किन साधनो द्वारा जीभी पहुंचना चाहते हैं वो आप पर निर्भर करता है। नीचे हम इन सभी विकल्पों द्वारा जीभी पहुंचने के रूट के बारे में बता रहे हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
पहाड़ी क्षेत्रो में पहुंचने के लिए सबसे अच्छा साधन सड़कमार्ग होता है क्योंकि सड़कमार्ग द्वारा आप पहाड़ो के सफर को देखकर खुलकर एन्जॉय कर सकते हैं। जीभी पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले चंडीगढ़, शिमला या फिर मंडी पहुंचना होगा। उसके बाद ही आप जीभी तक पहुंच सकते हैं।
जीभी पहुंचने के दो रूट हैं, जिनमें पहला रूट मंडी से औट होते हुए और दूसरा शिमला से होते हुए जीभी तक पहुँचता है। यदि आप अपनी गाड़ी से आ रहे हैं तो आप शिमला वाले रूट से आये जो काफी खूबसूरत है और यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा आ रहे हैं तो आप मंडी वाले रूट से आये।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट और खुद की गाड़ी द्वारा
यदि आप अपनी गाड़ी से जीभी आ रहे हैं या फिर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सहायता से जीभी आना चाहते हैं तो जिस भी शहर से आप आ रहे हैं उस शहर के हिसाब से नीचे दिए गए रूट को फॉलो कर सकते हैं…
- दिल्ली से (दिल्ली से जीभी- 482 किलोमीटर, 8 से 10 घंटे)
- रूट:- दिल्ली – चंडीगढ़ – कुल्लू – औट – बंजर – जीभी
इसके अलावा आप दिल्ली से मनाली और कुल्लू के लिए भी बस ले सकते हैं। कुल्लू और मनाली से आपको औट टनल के लिए बस मिल जाएँगी। औट टनल से आपको जीभी के लिए बस और टैक्सी नियमित तौर पर मिल जाएगी।
2. चंडीगढ़ से (चंडीगढ़ से जीभी 227 कीलोमीटर, 7 से 8 घंटे)
- रूट:- चंडीगढ़ – बिलासपुर – मंडी – औट – बंजर – जीभी
चंडीगढ़ से भी आप कुल्लू और मनाली के डायरेक्ट बस ले सकते हैं और फिर वहां से आप सीधे जीभी तक पहुंच सकते हैं।
3. शिमला से (शिमला से जीभी 150 किलोमीटर, 5 से 6 घंटे)
- रूट:- शिमला – जालोरी पास – शोजा – जीभी
शिमला से जीभी तक पहुंचने का रूट सबसे बेस्ट रूट माना जाता है। यदि आप अपनी गाड़ी द्वारा आते हैं तो आप इसी रूट को फॉलो करें।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
जीभी पहुंचने का दूसरा रास्ता ट्रेन द्वारा है लेकिन जीभी में कोई रेलवे स्टेशन मौजूद नहीं है। जीभी के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन है। इन दोनों जगहों से जीभी पहुंचने के लिए आपको बस या फिर टैक्सी की सहायता लेनी होगी।
फ्लाइट द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आपको आरामदायक सफर पसंद है तो आप फ्लाइट द्वारा भी जीभी तक पहुंच सकते हैं, लेकिन जीभी में कोई भी एयरपोर्ट मौजूद नहीं है। जीभी के सबसे निकटतम एयरपोर्ट चंडीगढ़ एयरपोर्ट और भुंतर एयरपोर्ट है। इन दोनों जगहों से जीभी की बाकि दूरी आपको सड़कमार्ग द्वारा बस या फिर टैक्सी द्वारा तय करनी होगी।
जीभी डिस्टेंस चार्ट
Places | Distance |
---|---|
दिल्ली से जीभी | 482 Km |
नोएडा से जीभी | 497Km |
गुडगाँव से जीभी | 400Km |
शिमला से जीभी | 150Km |
कसोल से जीभी | 83Km |
मनाली से जीभी | 101Km |
कुल्लू से जीभी | 66Km |
मंडी से जीभी | 69Km |
चंडीगढ़ से जीभी | 227Km |
लुधियाना से जीभी | 257Km |
बंजर से जीभी | 10Km |
शोजा से जीभी | 7Km |
भुंतर से जीभी | 55Km |