2025 में प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है, जहाँ हर रोज लाखो की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर स्नान कर रहे हैं। यह मेला 2025 में लगने वाला पूर्ण कुंभ मेला है, जो 144 साल बाद लगा है। कुंभ मेला हर 12 वर्ष बाद भारत में चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में लगता है। इस बार इस मेले का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में किया जा रहा है।
इस ब्लॉग में हम 2025 प्रयागराज महाकुंभ मेले की एक दिन की यात्रा जानकारी को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- कुंभ मेले में कहाँ रुके? प्रयागराज कैसे पहुंचे? कुंभ मेले का बजट? कुंभ शाही स्नान के दिन, और आप किस तरह से इस पूरी यात्रा का प्लान कर सकते हो आदि। यदि आप अपने माता-पिता के साथ आ रहे हैं तो आपको किस तरह की परेशानी हो सकती है आदि सभी के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे। तो ब्लॉग को अंत तक और ध्यान से जरूर पढ़े…
कुंभ मेला का आयोजन
कुंभ मेले का आयोजन हर 12 वर्ष बाद भारत के चार पवित्र स्थानों हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज शहर में आयोजित होता है। 2025 में मेले का आयोजन प्रयागराज शहर में हुआ है, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक 45 दिनों तक चलेगा।
प्रयागराज महाकुंभ कैसे पहुंचे?
कुंभ मेले में शामिल होने के लिए आपको सबसे पहले प्रयागराज शहर पहुंचना होगा। प्रयागराज पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है की आप यहाँ तक बस या ट्रेन द्वारा पहुंचे। प्रयागराज में बमरौली एयरपोर्ट भी मौजूद है, जो कुंभ मेला क्षेत्र से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप कैसे और किन-किन माध्यमों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं, उसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप सड़कमार्ग द्वारा प्रयागराज आने की सोच रहे हैं तो आप सरकारी या प्राइवेट बसों की सहायता लें सकते हैं। अभी वर्तमान समय में देश भर में प्रयागराज के लिए प्रति दिन हजारों बसों का संचालन किया जा रहा है। प्रयागराज के लिए दिल्ली, लखनऊ, बरेली, बनारस, अयोध्या, आदि शहरों से निरंतर बसे चल रही हैं, जिनकी सहायता से आप प्रयागराज आसानी से पहुंच जायेंगे। यह बस आपको मेला क्षेत्र से लगभग 10 से 12 किलोमीटर पहले ही स्टॉप पर उतार देगी, जिसके बाद की दूरी आपको लोकल ऑटो द्वारा और पैदल ही पूरी करनी होगी।
- निकटतम बस स्टैंड:- सिविल लाइन बस स्टैंड
बाइक/कार द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप अपने पर्सनल गाड़ी (कार/बाइक) द्वारा आना चाहते हैं, तो आपको कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कार जैसे बड़े वाहनों की कुंभ क्षेत्र में एंट्री नहीं है और पार्किंग जैसी सुविधा भी ज्यादा मौजूद नहीं है, जिस कारण आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। बाइक द्वारा आप हनुमान मंदिर तक ही जा सकते हैं, लेकिन शाही स्नान के दिन बाइक द्वारा भी एंट्री नहीं दी जाती है। कुंभ मेले के पास बने पार्किंग एरिया में आपको बाइक के 15 रुपये और कार के 65 रुपये का पार्किंग चार्ज देना होगा।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि प्रयागराज आने के सबसे अच्छे और आरामदायक साधन की बात की जाए तो वो रेलमार्ग है। ट्रेन द्वारा प्रयागराज का सफर आसान और काफी अच्छा रहता है, लेकिन इसके लिए आपको पहले से ही ट्रेन का रिजर्वेशन कराना होगा। वर्तमान समय में बहुत सी ट्रेनों का संचालन प्रयागराज के लिए किया जा रहा है, जिसके द्वारा प्रयागराज तक पंहुचा जा सकता है। प्रयागराज में कुल 5 रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, जिनमें सबसे मुख्य रेलवे स्टेशन, प्रयागराज जंक्शन है, जो मेला क्षेत्र से महज 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह दूरी आप लोकल परिवहन द्वारा पूरी कर सकते हैं।
- निकटतम मुख्य रेलवे स्टेशन:- प्रयागराज जंक्शन
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप फ्लाइट द्वारा प्रयागराज आना चाहते हैं तो प्रयागराज में बमरौली एयरपोर्ट मौजूद है, जो कुंभ मेला क्षेत्र से 12 से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से मेला क्षेत्र की बाकि दूरी आपको सड़कमार्ग द्वारा लोकल परिवहन द्वारा पूरी करनी होगी।
- निकटतम एयरपोर्ट:- बमरौली एयरपोर्ट
कुंभ मेला शाही स्नान की डेट
- 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा स्नान)
- 14 जनवरी (मकर सक्रांति)
- 29 जनवरी (मौनी अमावस्या)
- 3 फरवरी (बसंत पंचमी)
- 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा)
- 26 फरवरी (महाशिवरात्रि)
कहाँ रुके?
प्रयागराज कुंभ की एक दिन की यात्रा सबसे अच्छी रहती है लेकिन यदि आप यहाँ एक रात रुकना चाहते हैं तो यह आपके बजट को बड़ा सकता है। प्रयागराज में होटल और टेंट रूम में रुकने का एक दिन किराया 3 से 4 हजार रुपये के बीच में होगा, जो काफी महँगा होगा। इसके अलावा आप प्रयागराज जंक्शन या कुंभ क्षेत्र में बने रैन बसेरा और हॉल रूम में रुक सकते हैं, जो आपसे मात्र 100 से 200 रुपये का चार्ज लेंगे, जिसमें आपको एक चारपाई और रजाई दी जाएगी।
कुंभ मेला यात्रा बजट
यदि कुंभ मेले में घूमने और एक दिन की यात्रा के बजट के बारे में बात की जाए तो आप 2000 से 2500 हज़ार रुपये में पूरी यात्रा कर लोगे। प्रयागराज आने के लिए आप ट्रेन, प्राइवेट बसों या सरकारी बसों की सहायता ले सकते हैं, जिसमें आपको 1200 रुपये (दोनों तरफ का) तक खर्च करने पड़ सकते हैं। इसके बाद बस स्टॉप से बड़े नए पूल, चुंगी तक 50 रुपये में आ सकते हैं और उसके बाद आपको प्रयागराज संगम क्षेत्र तक पैदल चलना होगा।
संगम में स्नान के बाद मेला और प्रयागराज की प्रसिद्ध जगहों पर घूमने में आपको लगभग 200 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। मेले क्षेत्र में खाने की कोई कमी नहीं है, यहाँ बहुत सा फ्री भोजन और भंडारा चल रहा है, जिसका आप सेवन कर सकते हैं। शाम तक आप पूरा मेला क्षेत्र घूम कर आपने घर की ओर वापिस चले जाए। यदि आप 1 रात रुकना चाहते हैं तो यहाँ पर होटल और टेंट काफी महंगे हैं इसलिए आप आश्रय स्थल या रैन बसेरा में रुक सकते हैं।
प्रयागराज में 1 दिन में घूमने की जगहें
प्रयागराज कुंभ में स्नान करने के बाद, आप प्रयागराज में स्थित बहुत से प्रसिद्ध जगहों पर घूमने जा सकते हैं जो कुंभ मेला क्षेत्र के आस-पास ही स्थित हैं। हम नीचे एक दिन की यात्रा में आप प्रयागराज में कहाँ-कहाँ घूम सकते हैं उसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं…
त्रिवेणी संगम तट
आप अपने घर से शाम में प्रयागराज के लिए निकल जाए जिससे आप सुबह तक प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच सकें। आप सबसे पहले कुंभ मेला क्षेत्र में आ जाए वहां फ्रेश होने के बाद सबसे पहले त्रिवेणी संगम में स्नान करें। प्रयागराज में जो मुख्य संगम है वहां तक पहुंचने के लिए आपको बोट की सहायता लेनी होगी, जो आपसे लगभग 100 से 200 रूपए तक का चार्ज करेंगे। इसके अलावा आप घाट के पास भी स्नान कर सकते हैं।
अक्षयवट
संगम में स्नान करने के बाद आप प्रयागराज किले के पास आ जाये और वहां अक्षयवट में दर्शन करें। अभी वर्तमान समय में बहुत अधिक भीड़ होने के कारण आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
पातालपुरी मंदिर
अक्षयवट के बाद आप उसके पास ही स्थित पातालपुरी मंदिर भी जा सकते हैं और वहां दर्शन कर सकते हैं। संगम में स्नान, अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर में दर्शन करने में आपको कम से कम 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है या फिर उससे भी ज्यादा।
बड़े हनुमान मंदिर
अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर में दर्शन करने के बाद आप वहां से लोकल ऑटो या पैदल चलकर ही बड़े हनुमान मंदिर आ जाएँ। यहाँ आपको हनुमान जी के लेटे हुए स्वरूप में दर्शन करने को मिलेंगे। इस मंदिर में भी आपको बहुत अधिक भीड़ देखने को मिलेगी, और दर्शन करने में आपको 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है।
चंद्रशेखर आज़ाद पार्क
दोपहर के कुछ समय रेस्ट करने के लिए आप चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में विजिट कर सकते हैं। बड़े हनुमान मंदिर से चंद्र शेखर आज़ाद पार्क की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है जिसे आप लोकल ऑटो द्वारा 30 रुपये में पूरा कर लोगे।
आनंद भवन
चंद्र शेखर आज़ाद पार्क के पास ही आनंद भवन स्थित है, जो पहले नेहरू जी का घर हुआ करता था। आप इसमें विजिट करने उनके रहन-सहन और उनके बारे में जान सकते हैं।
अलोपी देवी मंदिर
यदि आपके पास समय है तो आप अलोपी देवी मंदिर में विजिट कर सकते हैं, जहाँ किसी देवी की मूर्ति की जगह एक झूले की पूजा की जाती है।
नाग वासुकि मंदिर
अंत में आप नागवासुकि मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं जिसका सम्बन्ध कृष्ण और वासुकि नाग से बताया जाता है और यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है।
इस तरह आप कुंभ और प्रयागराज की कुछ प्रसिद्ध जगहों पर घूम सकते हो, यदि आपके पास समय है तो आप अयोध्या और वाराणसी की यात्रा भी कर सकते हो।
कुंभ यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- यदि आप कुंभ की एक बजट यात्रा करना चाहते हैं तो आप यहाँ की सिर्फ एक दिन की यात्रा का प्लान ही करें।
- आपके साथ आपके माता-पिता या अन्य कोई बुजुर्ग हैं जिसे चलने में परेशानी है तो उसके लिए एक व्हील चेयर जरूर लेकर चले, क्यों की मेले में आपको कम से कम 9 से 10 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
- यदि आपके साथ बच्चे हैं तो उनके गले में आई कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र या मोबाइल नंबर याद करा दें, जिससे बच्चो के अलग होने पर आप उन्हें ढूंढ सकें।
- प्रयागराज आने के लिए आप बस या ट्रेन की सहायता लें और अपनी कार या बाइक से आने से बचे।
- यहाँ होटल और टेंट रूम का किराया काफी महँगा है जिस कारण आप या तो पहले ही रूम बुक कर लें या फिर सिर्फ एक दिन की यात्रा करें।