भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश | जहाँ रुकी भगवान शिव की बारात, जानिये मंदिर से जुड़ी सभी जानकारी, कैसे पहुंचे? मंदिर की टाइमिंग आदि

उत्तराखंड का ऋषिकेश एक आध्यात्मिक शहर है, जहाँ ऐसे-ऐसे प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनका उल्लेख हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रंथो में मिलता है। एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर हरिद्वार से 25 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश के मणिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है, जो “भूतनाथ मंदिर” या “भुतेश्वरनाथ मंदिर” के नाम से जाना जाता है। जिसका उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथो में मिलता है और इस मंदिर को लेकर एक बहुत ही सुन्दर कहानी बताई जाती है।

इस ब्लॉग में हम इसी खूबसूरत मंदिर की यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- मंदिर कहाँ स्थित है? मंदिर की यात्रा कैसे करें? इस मंदिर तक कैसे पहुंचे? आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े…

भूतनाथ मंदिर कहाँ स्थित है?

यह प्राचीन मंदिर हरिद्वार से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्वर्गाश्रम रोड पर राम झूला के पास में स्थित है। यह एक सिद्धपीठ मंदिर है, जो भगवान शिव की बारात से सम्बन्ध रखता है। यह प्राचीन मंदिर ऋषिकेश के मणिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है, जहाँ तक पहुंचने के लिए आपको कुछ मीटर का छोटा सा ट्रेक करना पड़ेगा।

भूतनाथ मंदिर की कहानी

यह एक प्राचीन और पौराणिक मंदिर है, जो कई हजार वर्ष पुराना है। इस मंदिर से सम्बंधित एक बहुत ही सुन्दर कहानी बताई जाती है, जो भगवान शिव के विवाह से सम्बन्ध रखती है।

ऐसा माना जाता है जब भगवान शिव, माता सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर आये तब राजा दक्ष (माता सती के पिता) ने इसी मंदिर में भगवान शिव और सारे बारातियों के, एक रात रुकने की व्यवस्था की थी। भगवान शिव की बारात में सभी देवताओ सहित भूत, राक्षस आदि शामिल थे और भगवान शिव ने भी अपना रूप भूतनाथ अवतार में बना लिया था, जिस कारण इस मंदिर को भुतेश्वरनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसा भी माना जाता है की भगवान शिव की बारात में अत्यधिक भूत गण शामिल थे, जिस वजह से इस मंदिर को भूतनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। ऐसे ही एक और मंदिर के बारे में हमने अपने पिछले ब्लॉग में बताया था, जो कुंडी सोटेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मंदिर का विवरण

यह प्राचीन मंदिर है, जिसका वर्तमान स्वरुप जल्द के समय में ही बनाया गया है। इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 7 मंज़िला है, जिसमे हर मंज़िल पर भगवान शिव के विवाह और अनेक देवी देवताओं के चित्रों को चित्रित किया गया है। मंदिर के नीचले मंज़िलो पर कई शिवलिंग स्थापित हैं, जिनमे से स्फटिक शिवलिंग (कई वर्षों तक बर्फ के नीचे दबे रहने पर बर्फ से एक सफ़ेद पत्थर का निर्माण होता है, उसे ही स्फटिक पत्थर कहते हैं।) भक्तो को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है। मंदिर के सबसे ऊपरी मंज़िल पर भगवान शिव भूतनाथ या भूतेश्वर रूप में विराजमान हैं। जिनके दर्शन करने के बाद ही इस मंदिर की यात्रा पूरी मानी जाती है।

भूतनाथ मंदिर की टाइमिंग

इस मंदिर में आने से पहले आपको इस मंदिर के खुलने और बंद होने की टाइमिंग के बारे में जरूर पता होना चाहिए। यदि आप शीतकालीन मौसम में इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं तो यह मंदिर सुबह 7:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और यदि आप ग्रीष्मकालीन मौसम में आना चाहते हैं तो यह मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

  • ग्रीष्मकालीन समय:- 7 बजे से 6 बजे तक
  • शीतकालीन समय:- 7:30 बजे से 5 बजे तक

भूतनाथ मंदिर आने का सबसे अच्छा समय

यदि भूतनाथ मंदिर में आने के सबसे अच्छे समय की बात की जाये तो वो मार्च से जून तक का है। यह मौसम उत्तराखंड और पहाड़ी इलाको में घूमने का सबसे आदर्श मौसम माना जाता है, लेकिन यदि आपको हरियाली देखना अत्यधिक पसंद है तो आप मानसून के बाद के समय में भी आ सकते हैं।

यह मंदिर ऋषिकेश के मणिकूट पर्वत पर स्थित है, जिस वजह से मानसून के बाद यहाँ पर हरियाली सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा आप इस मंदिर में सावन के महीने में भी आ सकते हैं। सावन के महीने में इस मंदिर में श्रद्धालुओ की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है और श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव को जल अर्पित करने आते हैं।

मंदिर के चारो ओर का व्यू

यह मंदिर ऋषिकेश के मणिकूट पर्वत पर स्थित है, जो राजा जी नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है। यह मंदिर तीन ओर से राजा जी नेशनल पार्क के खूबसूरत जंगल से घिरा हुआ है, और ऊपर से देखने पर मंदिर के चारो ओर का व्यू और भी खूबसूरत नजर आता है। मंदिर की सबसे ऊपरी मंज़िल से राम झूला, नीलकंठ मंदिर और बहुत से मंदिर दिखाई पड़ते हैं। यदि आप ऋषिकेश में एक शांत और खूबसूरत वातावरण की तलाश में हैं तो आपको इस मंदिर में महादेव के दर्शन करने जरूर आना चाहिए।

कहाँ रुके?

इस मंदिर को भूतनाथ मंदिर के साथ मणिकूट धाम आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम में रुकने की व्यवस्थ भी है लेकिन यहाँ पर रुकने के कुछ नियम हैं जिन्हे आपको फॉलो करना होता है। आप जैसे ही मुख्य सड़क से मंदिर के गेट द्वारा अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको सबसे पहले एक शिवलिंग दिखाई देगी जिसके दर्शन करने के बाद आप आगे बने कार्यालय में रुकने के लिए अपनी एंट्री करा सकते हैं।

भूतनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?

यह प्राचीन मंदिर हरिद्वार से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आप यहाँ पर सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप ऋषिकेश या हरिद्वार की यात्रा पर हैं तो आप दोनों जगहों से प्राइवेट गाड़ी रेंट पर लेकर आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

यदि आप अपनी गाड़ी से इस मंदिर की यात्रा कर रहे हैं तो आप हरिद्वार से ऋषिकेश वाले मुख्य हाईवे से न जाकर राजा जी नेशनल पार्क वाले रोड से यहाँ की यात्रा करें। इस रास्ते पर आपको ज्यादा जाम भी नहीं मिलेगा और आप आसानी से मंदिर तक पहुंच भी जायेंगे। इसके साथ ही इस रूट के व्यू भी बहुत सुन्दर हैं, क्योंकि इस रूट पर जंगल और गंगा नदी दोनों का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलता है।

  • निकटतम रेलवे स्टेशन:- ऋषिकेश रेलवे स्टेशन
  • निकटतम एयरपोर्ट:- जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून

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