फूलों की घाटी ट्रेक 2025 | कैसे पहुंचे? कहाँ रुके? ट्रेक बजट आदि यात्रा से सम्बंधित जानकारी

उत्तराखंड में बहुत सी घाटियां हैं, जो अपने खूबसूरत ट्रेक्स के लिए जानी जाती हैं। ऐसी ही एक घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जिसे “फूलों की घाटी” और “वैली ऑफ़ फ्लावर” के नाम से जाना जाता है। यह इतनी खूबसूरत घाटी है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं और मानसून के समय में इसकी खूबसूरती अपनी चरम सीमा पर होती है। उत्तराखंड के गोविन्द घाट से शुरू होने वाला इस वैली का ट्रेक उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत ट्रेक्स में से एक है।

इस ब्लॉग में इसी खूबसूरत वैली के ट्रेक के बारे में सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- आप 2025 में इस वैली का ट्रेक कैसे कर सकते हैं? वैली में कहाँ रुकें? ट्रेक का बजट कितना हो और कम-से-कम बजट में इस ट्रेक को कैसे करें आदि। तो ब्लॉग को अंत तक और ध्यान से जरूर पढ़े…

फूलों की घाटी कहाँ स्थित है?

फूलों की घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। इस घाटी में लगभग 500 से अधिक प्रजाति के फूल पाएं जाते हैं, जिस वजह से इसे फूलों की घाटी कहा जाता है। यह घाटी हरिद्वार से 300 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है और आप यहाँ तक सड़क माध्यम से आसानी से पहुंच जाएंगे।

फूलों की घाटी का इतिहास

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी, विश्व धरोहर स्थल में से एक है। जिसे 1982 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया था। यदि इस खूबसूरत घाटी के इतिहास के बारे में बात की जाए तो इस घाटी की खोज गलती से हुयी थी, जिसे ब्रिटिश अधिकारी फ्रैंक स्मिथ ने 1931 में गलती से खोज लिया था। जिसके बारे में उन्होंने अपनी किताब “वैली ऑफ़ फ्लावर” में लिखा था।

सन 1931 में फ्रैंक स्मिथ कमोट समिट से अपनी टीम के साथ वापस लौट रहे थे कि वे रास्ता भटक जाते हैं और एक घाटी में जा पहुंचते हैं, जहाँ वे विभिन्न प्रकार के फूलो की प्रजाति देखते। फ्रैंक स्मिथ को यह जगह इतनी पसंद आती की वे एक-दो दिन उसी घाटी में कैंप लगाते हैं और उस घाटी को एक्स्प्लोर करते हैं।

जिसके बाद सन 1937 में दुबारा इस घाटी का ट्रेक करते हैं और उसे अच्छे से एक्स्प्लोर करते हैं। जिसके बाद वे अपना अनुभव एक किताब में लिखते हैं और उसे 1938 में पब्लिश करते हैं। जो “वैली ऑफ़ फ्लावर” नाम से प्रकाशित होती है, जिसके बाद से यह घाटी धीरे-धीरे प्रसिद्ध होती गयी और जो भी एक बार इस घाटी का ट्रेक करता वह दुबारा जरूर आता। अब वर्तमान समय में इस घाटी का ट्रेक जून के समय में हेमकुंड साहिब की यात्रा के शुरू होने के साथ शुरू होता है और 6 महीने बाद ठंडो में बंद कर दिया जाता है।

फूलों की घाटी ट्रेक कैसे करें?

इस ट्रेक को करने के लिए आपको ज्यादा तैयारी करने की जरुरत नहीं है। आप ट्रेक करने से कुछ दिन पहले ही सुबह में रनिंग और कुछ एक्सरसाइज करना शुरू कर दें, जो आपको घाटी का ट्रेक करने में सहायता करेगी। यह ट्रेक लगभग 14 किलोमीटर लम्बा है, जिसमें आपको कुछ किलोमीटर तक खड़ी चढ़ाई का सामना करना होता है, जबकि कुछ किलोमीटर में आपको टूटे हुए रास्तों से होकर जाना होता है। ये पूरे रास्ते पत्थरों से बने हुए होते हैं, जो आपको कहीं-कहीं पर सहायता तो कहीं पर कठनाई खड़ी कर देते हैं।

Valley of Flower Trek Short Information

ये 14 किलोमीटर का ट्रेक आपको दो फेज में पूरा करना होगा। जिसमें एक फेज में आपको पुलना गांव से घंघरिआ तक का ट्रेक करना होगा, जो की लगभग 11 किलोमीटर का होगा। पुलना से घंघरिआ तक के 11 किलोमीटर के ट्रेक को पूरा करने में आपको लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगेगा इसलिए आपको एक रात घंघरिआ में रुकना होगा। अगले दिन या अगले फेज में आपको सुबह लगभग 7 से 12 बजे के बीच में ट्रेक के अगले 4 किलोमीटर पूरे करने होंगे, जो फूलों की घाटी में प्रवेश करते ही समाप्त होंगे।

आप इस ट्रेक को अपनी गति से करें लेकिन समय का भी खास ख्याल रखे। इस ट्रेक का दूसरा फेज सुबह 7 बजे से रजिस्ट्रेशन काउंटर के खुलने के बाद से शुरू कर दें, जिससे आपको वैली का ट्रेक करने में और घूमने में काफी समय मिल जायेगा। इस ट्रेक को करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जो सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक होते हैं।

ट्रेक कितने दिन का होगा?

फूलों की घाटी ट्रेक को आप 4 दिन और 3 रात में पूरा कर लोगे।

Valley Of Flower Trek

दिन 01:- पहला दिन आपका हरिद्वार से शुरू होगा, जिसमें आपको गोविन्द घाट तक की 290 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। इस दूरी को तय करने में आपको 8 से 9 घंटे का समय लगेगा। आज की रात आप गोविन्द घाट पर बने गुरूद्वारे में फ्री में रुक सकते हैं और लंगर खा सकते हैं।

दिन 02:- यात्रा के दूसरे दिन आप गोविन्द घाट से पुलना गांव की 3 किलोमीटर की दूरी गाड़ी द्वारा तय करे और फिर वहां से घंघरिआ तक का 11 किलोमीटर का ट्रेक करके घंघरिआ तक पहुचें। आज की रात आप घंघरिआ में गुरुद्वारा या होटल में रुकें।

दिन 03:- यात्रा की तीसरे दिन आप जल्दी उठे और जल्दी से ट्रेक रजिस्ट्रेशन काउंटर से ट्रेक का रजिस्ट्रेशन कराएं और शुरू करें 4 किलोमीटर का खूबसूरत फूलों की घाटी तक का ट्रेक। फूलों की घाटी को अच्छी तरह से एक्स्प्लोर करके और वहां घूमकर आप वापस घंघरिआ बेस कैंप पर आ जाये और वहां होटल या गुरूद्वारे में रुकें।

दिन 04:- यात्रा के चौथे दिन आप जल्दी उठे और घंघरिआ से पुलना गांव के लिए ट्रेक शुरू कर दें और वहां से शेयरिंग गाड़ी द्वारा आप गोविन्द घाट आ जाएँ। आप सुबह 10 बजे से पहले ही गोविन्द घाट पर आ जाएँ क्योंकि 10 बजे के बाद आपको हरिद्वार के लिए बस नहीं मिलेगी फिर आपको प्राइवेट शेयरिंग गाड़ियों की सहायता लेनी होगी, जो की आपको काफी महंगी पड़ सकती है। यात्रा के चौथे दिन आप शाम तक हरिद्वार तक आ जायेंगे।

ट्रेक का रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

फूलों की घाटी, एक नेशनल पार्क है, जिसे 1982 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। इस पार्क में जंगली जानवर अधिक संख्या में पाएं जाते हैं, जिस वजह से 5 बजे से पहले ही आपको घाटी से घंघरिआ बेस कैंप की ओर वापस आना होगा। इस ट्रेक को करने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जो घंघरिआ से 1 किलोमीटर बाद चेक पोस्ट पर होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आपके पास एक वैलिड आई-डी कार्ड होना चाहिए। ट्रेक की रजिस्ट्रेशन फी 200 रुपये प्रति व्यक्ति है और रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही आप इस ट्रेक को कर सकते हैं।

  • डॉक्यूमेंट:- आधार कार्ड/पास पोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस
  • रजिस्ट्रेशन फीस:- 200 रुपये प्रति व्यक्ति
  • रजिस्ट्रेशन टाइम:- सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक

फूलो की घाटी ट्रेक के दौरान कहाँ रुकें?

यह ट्रेक 4 दिन और 3 रात का होगा, जिसमें आपको 3 रात में से 1 रात गोविन्द घाट पर और 2 रात घंघरिआ में रुकना होगा। यहाँ पर रुकने के लिए आपको गुरुद्वारा में फ्री सेवा मिल जाएगी। यदि आप एक बजट यात्री हैं तो आप गुरूद्वारे में रुक सकते हैं, जो की काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा आपको घंघरिआ में सरकारी GMVN और कुछ होटल और गेस्ट हाउस मिल जायेंगे, जो आपको 500 से 1000 रुपये प्रति नाईट के हिसाब से मिलेंगे।

यहाँ का खाना

पुलना गांव से लेकर घंघरिआ तक आपको बहुत सी खाने-पीने की दूकान मिल जाएँगी, जहाँ आपको मैग्गी, दाल चावल, आलू का पराठा और चाय के साथ सामान्य खाना मिल जायेगा। इसके अलावा आप गोविन्द घाट और घंघरिआ में स्थित गुरूद्वारे में लंगर खा सकते हैं, जो बिल्कुल फ्री होता है। घंघरिआ चेक पोस्ट, जहाँ ट्रेक का रजिस्ट्रेशन होता है वहां से आगे घाटी तक कोई भी दूकान नहीं मिलेगी इसलिए आप घंघरिआ से अपना लंच और कुछ नास्ते का सामान रख लें जिससे आप घाटी के बीच प्राकृतिक वातावरण में भूख लगने पर कुछ खा सकें।

फूलों की घाटी ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय

यह ट्रेक हेमकुंड साहिब की यात्रा के शुरू होते ही मई और जून के समय में शुरू हो जाता है और नवंबर तक ट्रेक खुला रहता है। यदि इस ट्रेक के करने के सबसे अच्छे समय की बात की जाए तो वो मानसून के महीने में जुलाई से अगस्त के बीच का होता है। इन दो महीनो में घाटी की खूबसूरती अपनी चरम सीमा पर होती है और पूरी घाटी विभिन्न फूलो से सजी होती है।

फूलों की घाटी कैसे पहुंचे?

फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचना होगा, जहाँ से आप बस या प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी द्वारा गोविन्द घाट तक पहुंच सकते हैं और फिर वहां से गाड़ी द्वारा पुलना और फिर वहां से 14 किलोमीटर का ट्रेक करके फूलो की घाटी तक पहुंच सकते हो। यदि आपके पास बजट की कोई कमी नहीं है तो आप हरिद्वार या ऋषिकेश से 4 या 6 शीटर गाड़ी बुक करके आसानी से गोविन्द घाट तक पहुंच सकते हो।

इसके अलावा यदि आप एक बजट ट्रवेलेर हैं तो आप हरिद्वार से बद्रीनाथ और गोविन्द घाट जाने वाली सरकारी बस की सहायता लें सकते हैं। हरिद्वार से गोविन्द घाट तक का बस का किराया 650 रुपये प्रति व्यक्ति है। ये बसे आपको हरिद्वार से सुबह 4 बजे से लेकर 9 बजे तक ही मिलती हैं इसके बाद आपको प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी ही मिलेंगी, जिनका किराया 1000 रुपये से 1200 रुपये तक होता है।

यदि आपको सीधे गोविन्द घाट के लिए बस या प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी नहीं मिलती है तो आप जोशीमठ तक के लिए गाड़ी ले सकते हैं। जोशीमठ से गोविन्द घाट के लिए आपको बहुत सी प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी मिल जाएँगी।

फूलों की घाटी ट्रेक का बजट

इस बजट में हम आपको सिर्फ हरिद्वार से हरिद्वार तक के बारे में ही बताएँगे। इसमें हरिद्वार तक पहुंचने के का खर्च शामिल नहीं होगा।

ट्रांस्पोर्टेशन

  • हरिद्वार से गोविन्द घाट:- सरकारी बस 1300 रुपये (दोनों तरफ का)
  • गोविन्द घाट से पुलना:- 100 रुपये प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी द्वारा (दोनों तरफ का)

रुकना

  • गोविन्द घाट:- फ्री (गुरुद्वारा में)
  • घंघरिआ बेस कैंप में:- फ्री (गुरूद्वारे में) या 1000 रुपये रूम (2 रात का)

खाना

  • गोविन्द घाट और घंघरिआ में:- फ्री लंगर (गुरूद्वारे में) 3 दिन

अन्य खर्चे

  • ट्रेक रजिस्ट्रेशन चार्ज:- 200 रुपये प्रति व्यक्ति
  • चाय नास्ता:- 500 रुपये (4 दिन)

तो कुल मिलाकर आपको लगभग 3000 रुपये का बजट लेकर चलना होगा। इसके अलावा आप फ्री में रुकना या खाना नहीं चाहते हैं तो ये बजट बढ़कर लगभग 8000 रुपये के करीब हो जायेगा।

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