पुष्कर में लगने वाला “पुष्कर ऊँट मेला” भारत के सबसे प्रतिष्ठित और भव्य मेलों में से एक है, जो दुनिया भर से हजारों यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पुष्कर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम ऊँट, पशुधन व्यापार, सांस्कृतिक उत्सवों और आध्यात्मिक भक्ति का एक जीवंत मिश्रण है, जो इसे राजस्थान की यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक खूबसूरत गंतव्य बनाता है। यह मेला हर साल नवंबर में आयोजित किया जाता है, जिसमे देश विदेश से लाखो पर्यटक शामिल होने आते हैं।
इस ब्लॉग में हम 2024 में लगने वाले इस खूबसूरत पुष्कर ऊँट मेला की सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। जैसे- मेले का आयोजन कब होगा? मेले की विशेषताएं, मेले का मुख्य आकर्षण, और मेले में लगने वाले टेंट हाउस आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े और यदि आप मेले में जा चुके हैं तो अपना अनुभव भी हमारे साथ शेयर करें…
पुष्कर ऊँट मेला कब और कहाँ शुरू होगा?
राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध पुष्कर ऊंट मेला राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर शहर में 9 नवंबर 2024 से शुरू होकर 15 नवंबर 2024 तक चलेगा। इस मेला का आयोजन 7 दिनों तक चलता है, जिसमे हर रोज विभिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा यहाँ पर राजस्थान के सांस्कृतिक लोक नृत्य, और सांस्कृतिक प्रोग्रामो का आयोजन भी किया जाता है।
पुष्कर ऊँट मेले का महत्व
1.ऐतिहासिक महत्व
पुष्कर ऊँट मेला सदियों से होता आ रहा है, जब राजस्थान के पशुधन व्यापारी और खानाबदोश कार्तिक पूर्णिमा के दौरान व्यापार और आध्यात्मिक पालन के लिए पुष्कर में एकत्र हुआ करते थे। समय के साथ, मेला एक व्यापक सांस्कृतिक उत्सव में बदल गया, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है।
2. सांस्कृतिक महत्व
एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के अलावा, यह मेला राजस्थानी विरासत का एक उत्सव है, जो पारंपरिक कला रूपों, लोक प्रदर्शनों और आध्यात्मिक प्रथाओं को एक साथ लाता है। स्थानीय लोग इस आयोजन को आर्थिक बढ़ावा देने और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रचार करने के लिए इस मेले में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
3. मेले की हाईलाइट
ऊंट व्यापार, चमकीले कपड़ो और रंगो से सजे ऊंटों की सौंदर्य प्रतियोगिता, उत्साही ऊँट दौड़ और सबसे लंबी मूंछ प्रतियोगिता जैसी आकर्षक प्रतियोगिताओं को आप इस मेले में देख सकते हैं। यह मेला पर्यटन और व्यापार के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ पर पशुधन व्यापर के अलावा सांस्कृतिक लोक नृत्य, लोक संगीत और अन्य विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामो का आयोजन किया जाता है।
पुष्कर ऊँट मेले के प्रमुख आकर्षण
1.ऊँट और पशुधन व्यापार
पुष्कर ऊंट मेले का मुख्य आकर्षण पशुधन व्यापार होता है। यहाँ आप ऊँट और पशु बाजार की जीवंत भीड़ को देख सकते हैं, जहाँ व्यापारी अपने अच्छी तरह से तैयार ऊंटों, घोड़ों और मवेशियों के लिए सौदे करते हैं। खरीदारों को आकर्षित करने के लिए प्रत्येक जानवर को सावधानीपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है, जिसे अक्सर पारंपरिक सजावट में सजाया जाता है। इस मेले में आप ऊँट, घोड़ा, गाय, भेड़ और बकरियों जैसे जानवरो का सौदा होते हुए देख सकते हैं।
2. प्रतियोगिताएँ और कार्यक्रम
आप इस मेले में ऊंट दौड़, संतुलनकारी नृत्य और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं जैसे रोमांचक प्रतियोगिता और कार्यक्रम को देखने के लिए तैयार हो जाएँ। सबसे लंबी मूंछ प्रतियोगिता और पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता निश्चित रूप से राजस्थान की विशिष्ट भावना को प्रदर्शित करती है। इसके अलावा फुटबॉल, रस्साकसी, हॉट एयर बैलून, रंगोली, कबड्डी, घोड़ा रेस, और डांस जैसी प्रतियोगिता और कार्यक्रमों को देख और उनमें भाग ले सकते हैं।
3. सांस्कृतिक उत्सव
इस मेले में मंत्रमुग्ध कर देने वाले लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन होते हैं जो राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। इसके साथ-साथ आप मेले में पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लें सकते हैं, हस्तनिर्मित वस्तुओं को देख व खरीद सकते हैं।
4. आध्यात्मिक गतिविधियाँ
इस मेले में शामिल होने से पहले आप पुष्कर झील में डुबकी लगा सकते हैं। भगवान ब्रह्मा द्वारा बनाई गई पुष्कर झील का अपार आध्यात्मिक महत्व है। इस मेले में शामिल होने वाले अधिकतर तीर्थयात्री कार्तिक पूर्णिमा के दौरान पापों को शुद्ध करने के लिए पवित्र पुष्कर झील में डुबकी लगाते हैं, उसके बाद ही इस मेले में शामिल होते हैं।
5. स्थानीय व्यंजन
आप मेले में रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा बेचे जाने वाले पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन जैसे- दाल बाटी चुरमा, कचोरी और मालपुआ का स्वाद लें सकते हैं। ऊँट के दूध से बने उत्पादों का स्वाद जरूर लें, जो इस क्षेत्र में मिलने वाले व्यंजनों में प्रमुख होते हैं।
6. मेले में खरीदारी
आप मेले में लगने वाली बाजार में स्थानीय हस्तशिल्प, गहने, पारंपरिक वस्त्र और स्मृति चिन्हों को देख व खरीद सकते हैं। यहाँ आपको राजस्थान के पारम्परिक वस्त्र और शाही पगड़ियां देखने के लिए मिल जाएँगी, जिन्हे आप खरीद सकते हैं।
पुष्कर ऊँट मेले के लिए यात्रा टिप्स
यात्रा का सबसे अच्छा समय
यह मेला नवंबर की महीने में शुरू होता है, जो राजस्थान में घूमने के लिए एक आदर्श समय माना जाता है। इस मेले में शामिल होने के लिए सुबह और शाम, दोनों समय बढ़िया होते हैं, सुबह में सूर्योदय के समय ऊंटों की तस्वीरें खींचना एक अच्छा विकल्प होता है, जबकि शाम में सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ मेले की लाइटिंग और यहाँ की रौनक देखना काफी अच्छा रहता है। इस मेले में घूमने और अच्छी तरह से एक्स्प्लोर करने के लिए आप दो से तीन दिनों का समय जरूर दें।
आवास विकल्प
पुष्कर विशाल रेगिस्तान दृश्यों के साथ साधारण अतिथि गृहों से लेकर शानदार तम्बू शिविरों तक आवास के विविध विकल्प प्रदान करता है। अपने ठहरने की पहले से ही व्यवस्था कर लें, क्योंकि मेले के दौरान आवास जल्दी भर जाते हैं। यदि आपको मेले में या इसके आस-पास सही आवास विकल्प नहीं मिलते हैं तो आप पुष्कर झील के पास बने होटल और गेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं या फिर आप पुष्कर ऊंट मेले का कोई ऑनलाइन पैकेज बुक कर सकते हैं।
आवश्यक वस्तुओं की पैकिंग
आरामदायक कपड़े, रेतीले इलाकों में घूमने के लिए मजबूत जूते, एक टोपी और सनस्क्रीन अपने साथ रखे। सर्द रेगिस्तानी रातों के लिए गर्म कपड़े और यहाँ की खूबसूरती को कैद करने के लिए एक कैमरा अपने साथ रखे।
पुष्कर कैसे पहुंचे?
पुष्कर राजस्थान के अजमेर जिले का विश्व प्रसिद्ध शहर है, जो विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर बहुत अधिक आकर्षित करता है। आप पुष्कर कैसे और किन-किन माध्यमों से पहुंच सकते हैं, उसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं…
हवाई मार्ग द्वारा
यदि आप फ्लाइट द्वारा पुष्कर आना चाहते हैं तो पुष्कर के सबसे निकटतम एयरपोर्ट जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो पुष्कर से लगभग 150 किमी की दूरी पर स्थित है। जयपुर से बस या प्राइवेट टैक्सी के माध्यम से आप पुष्कर तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा
पुष्कर आने का सबसे अच्छा साधन रेल मार्ग है। पुष्कर में रेलवे स्टेशन मौजूद है, जो राजस्थान के बाकि शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है, लेकिन देश के बाकि शहरों से पुष्कर के लिए सीधे ट्रेनें उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए आप अजमेर रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन ले सकते हैं। पुष्कर से 14 किलोमीटर दूर स्थित अजमेर जंक्शन पुष्कर का निकटतम सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। अजमेर से, स्थानीय बसें, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा पुष्कर के लिए उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
पुष्कर सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप जयपुर और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से सरकारी और निजी बसों का उपयोग करके पुष्कर तक पहुंच सकते हैं, जो नियमित रूप से अजमेर और पुष्कर के लिए चलती हैं।
पुष्कर मेले के आस-पास के स्थान
पुष्कर में घूमने के लिए बहुत से स्थान है, जो ऐतिहासिक और प्राचीन होने के साथ-साथ बहुत खूबसूरत हैं। उनके बारे में हम अपने पिछले ब्लॉग Best Places to visit in Pushkar में बता चुके हैं। नीचे हम पुष्कर मेले के आस-पास के कुछ स्थानों के बारे में बता रहे हैं…
पुष्कर झील
माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दौरान पुष्कर झील के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आत्मा शुद्ध होती है। 52 घाटों से घिरी यह झील आध्यात्मिक शांति का प्रतीक है।
पुष्कर ब्रह्मा मंदिर
ब्रह्मा मंदिर, जो दुनिया में भगवान ब्रह्मा को समर्पित कुछ मंदिरों में से एक है, यहाँ पर आपको अवश्य आना चाहिए। पुष्कर के अन्य मंदिर भी शहर के धार्मिक महत्व की एक झलक पेश करते हैं।
सुरक्षा और व्यावहारिक सुझाव
- स्वास्थ्य और सुरक्षा सावधानियाँ:- हाइड्रेटेड रहें और पेट की समस्याओं से बचने के लिए ताजा पका हुआ भोजन ही लें। प्राथमिक दवाएं, हैंड सैनिटाइजर और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- भीड़ में सावधान:- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें और चोरी से बचने के लिए अपने सामान को सुरक्षित रखें। समूह के साथ यात्रा करने पर मिलने का स्थान निर्धारित करें।
- जिम्मेदार पर्यटक बने:- स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें, शालीन कपड़े पहनें और कूड़ा-करकट न फैलाएं।
FAQ
- Q.1 पुष्कर मेला कहाँ और कब लगता है?
- Ans. पुष्कर मेला हर साल राजस्थान राज्य के अजमेर जिले के पवित्र पुष्कर शहर में लगता है। यह मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन से शुरू होता है और 7 दिनों तक चलता है। इस साल यह मेला 9 नवंबर 2024 से शुरू होकर 15 नवंबर 2024 तक चलेगा, जिसमे लाखो पर्यटक शामिल होंगे।
- Q.2 पुष्कर मेला किस महीने में लगता है?
- Ans.पुष्कर मेला हर साल कार्तिक महीने की कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुरू होता है यानि अंग्रेजी महीनो के हिसाब से यह मेला हर साल नवंबर में शुरू होता है।