जलियांवाला बाग अमृतसर की यात्रा जानकारी | टॉप आकर्षण, जलियांवाला बाग का इतिहास, कैसे पहुंचे? टिकट प्राइस और टाइमिंग आदि

भारत के स्वतंत्रता के दौरान कुछ बहुत ही दर्दनाक और साहसिक घटनाये घटित हुयी, जिनकी वजह से भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई को एक नया रूप मिला। ऐसी ही एक घटना पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुयी, जिसने भारत की स्वतंत्रता लड़ाई में एक नया मोड़ लाकर खड़ा कर दिया। जिसमें हजारो की संख्या में निर्दोष-बेगुनाहो को ब्रिटिश हुकूमत ने गोलियों से भून दिया। अमृतसर का जलियांवाला बाग वर्तमान समय में आज से लगभग 104 साल पहले हुयी वह दर्दनाक घटना को आज भी वयं कर रहा है, जिसे लोग “जलियांवाला बाग हत्याकांड” के नाम से जानते हैं।

जलियांवाला बाग यात्रा दर्दनाक घटना को दर्शाता है, और यह याद दिलाता है की भारत की आजादी के लिए कितनो वीरो ने अपनी जान गवाही। इस ब्लॉग में हम अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग की यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे जलियांवाला बाग कहाँ स्थित है? इसका इतिहास क्या है? बाग की टाइमिंग, बाग का टिकट आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े और यदि आप पहले भी यहाँ की यात्रा कर चुकें हैं तो अपनी तस्वीरें हमारे साथ साझा करें…

जलियांवाला बाग कहाँ स्थित है?

जलियांवाला बाग भारत के पंजाब राज्य में स्थित है। यह पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। जो भारत की आजादी के समय को आज वर्तमान समय में भी गौरवपूर्ण तरीके से दर्शाता है।

  • पता:- स्वर्ण मंदिर रोड नियर स्वर्ण मंदिर अमृतसर, पंजाब, 143006

जलियांवाला बाग का इतिहास

अमृतसर के जलियांवाला बाग किसने बनाया इसका कोई ठोस प्रमाण तो मौजूद नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है की यह अमृतसर के हिम्मत सिंह भाई के परिवार की जगह थी, जहाँ हर साल बैसाखी की मौखे पर एक मेले का आयोजन किया जाता था। 13 अप्रैल 1919 से पहले जलियांवाला बाग एक आम जगह ही थी और उस दिन भी लोग दूर-दूर से जलियांवाला बाग में बैसाखी मानाने के लिए इकट्ठे हुए थे। किसी को कोई भी अंदाज़ा नहीं था की उनके साथ आज क्या होने वाला है, सभी बड़ी ख़ुशी से बैसाखी मना रहे थे।

ब्रिटिश हुकूमत के बढ़ते अत्याचार की वजह से भारतीय, ब्रिटिश हुकूमत का विरोध कर रहे थे, जिस वजह से ब्रिटिश सरकार ने अमृतसर के क्षेत्र में रौलट-एक्ट (जिसे काला कानून भी कहा जाता था।) लगा रहा था, जिसके अंतर्गत ब्रिटिश सरकार किसी भी भारतीयों को पकड़ कर जेल में डाल सकती थी और कहीं भी 2 से अधिक व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते थे और न ही एक साथ बाहर जा सकते थे।

लेकिन बैसाखी के मौखे पर हजारों की संख्या में लोग जलियांवाला बाग में इकट्ठा हुए थे और एक आम सभा का आयोजन कर रहे थे। अमृतसर में तैनात रेजिनाल्ड डायर को जब इसका पता चला तो वह अपनी सेना लेकर जलियांवाला बाग को चारो तरफ से घेर लेता है और बाग के एंट्रेंस को बंद करके लोगो के ऊपर गोलियां चलाने का आदेश दे देता है।

इस भयाभय नरसंहार में बहुत से लोगो की मृत्यु हुयी, जिसमें बूढ़े, बच्चे, महिलाएं, नाबालिग लोग शामिल थे। इस घटना में ब्रिटिश हुकूमत के अनुसार 379 लोग शहीद और 200 लोग घायल हुए थे, जबकि बताया ऐसा जाता है की इस घटना में लगभग 1500 से अधिक लोग शहीद और 2000 से अधिक लोग घायल हुए थे। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा किया गया भारतीयों पर यह सबसे शर्मनाक घटनाओ में से एक थी। वर्तमान समय में अमृतसर डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में 484 शहीदों की सूची और जलियांवाला बाग में 388 शहीदों की सूची लिखी हुयी है।

जलियांवाला बाग मेमोरियल काम्प्लेक्स

1857 की क्रांति के बाद भारत की आजादी में इस घटना ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला और ऐसा माना जाता है की इस घटना के बाद ही ब्रिटिश हुकूमत के राज का अंत शुरू हुआ। 15 अगस्त 1947 में भारत की आजादी के बाद भारत के प्रथम राष्टपति श्री राजेंद्र प्रसाद जी ने फ्लेम ऑफ़ लिबर्टी का उद्धघाटन किया, जो जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए लोगो को समर्पित था।

इसके कई साल बाद इसे दुबारा पुनर्निर्माण कराया गया, जिसके अंतर्गत इसमें एक गार्डन, म्यूजियम गैलरी और भारत की आजादी की लड़ाई की घटनाओ को प्रदर्शित किया गया। इसका उद्धघाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 28 अगस्त 2021 को किया गया और उसके बाद इसे जलियांवाला बाग मेमोरियल काम्प्लेक्स के नाम से जाना जाने लगा।

जलियांवाला बाग के टॉप आकर्षण

वर्तमान समय में इस काम्प्लेक्स को एक नया रूप दे दिया गया है, जिसमें 13 अप्रैल 1919 को हुयी वह शर्मनाक घटना के कुछ अंश देखने को मिलते हैं। आपको इस काम्प्लेक्स में बहुत सी आकर्षक चीजे देखने के लिए मिल जाएँगी, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं…

एंट्रेंस गैलरी

आप जैसी ही इस मेमोरियल में एंट्री करेंगे तो आपको एक पतली सी गैलरी से होकर अंदर बाग में जाना होगा। इस पतली सी गैलरी में बहुत सी आकृतियों को बनाया गया है, जो जलियांवाला बाग में मनाये जाने वाले बैसाखी मेले से प्रेरित है। आप इस काम्प्लेक्स में एंट्री करते ही एक गौरवपूर्ण एहसास महसूस कर सकते हैं।

अमर ज्योति

जलियांवाला बाग में आप एक अमर ज्योति को भी देख सकते हैं, जो निरंतर जलती रहती है। इसे शहीदों के याद में और उन्हें श्रद्धांजली के तौर पर स्थापित किया गया है।

शहीद कुआँ

इस काम्प्लेक्स में एक कुआँ बना हुआ है, जिसे “शहीद कुआँ” के नाम से जाना जाता है। यहाँ हुए उस नरसंहार में लोग जान बचाने के लिए इधर से उधर भाग रहे थे, उसी दौरान बहुत से लोग इस कुएं में गिर गए, जिस वजह से उनकी मृत्यु हुयी। इस नरसंहार के बाद जब इस कुएं से लोगो को निकाला गया तब 120 शहीदों के शव निकले थे। अब वर्तमान समय में इस कुएं को शहीद कुआँ कहा जाता है और इसे चारो ओर से सीसे से ढक दिया गया है।

ब्लैक & ग्रे ग्रेनाइट स्टोन दीवार

इस काम्प्लेक्स में एक जगह पर ब्लैक & ग्रे कलर की ग्रेनाइट पत्थरो को लगाया गया है, जिनपर 13 अप्रैल 1919 को हुए नरसंहार में शहीद हुए लोगो के नाम लिखे हुए हैं। इस काम्प्लेक्स में कुल 388 शहीदों के नाम अंकित किये गए हैं। इसके अलावा बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और उनके द्वारा आजादी में लगाए गए स्लोगन लिखे हुए हैं।

म्यूजियम गैलरी

जलियांवाला बाग के पुनर्निर्माण के बाद इसमें एक म्यूजियम गैलरी को जोड़ा गया है। जिसमें भारत के आजादी के दौरान घटित हुयी बहुत सी घटनाओ को दर्शाया गया है। इसके अलावा गैलरी में बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों के फोटोज को लगाया गया है और उनके स्लोगन लिखे गए हैं। आप जैसे ही इस म्यूजियम में एंट्री करोगे आपको एक अद्धभुत एहसास होगा।

साउंड & लाइट शो

जलियांवाला बाग काम्प्लेक्स में प्रत्येक दिन साउंड & लाइट शो का आयोजन किया जाता है, जिसकी टाइमिंग शाम में 6:45 से 8:15 तक होती है, जिसमें भारत की आजादी और जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटनाओ प्रदर्शित किया जाता है, जिसमें अमिताभ बच्चन द्वारा आवाज़ दी गयी है।

  • समर टाइम:- 9 से 5 बजे तक
  • विंटर टाइम:- 10 से 4 बजे तक

जलियांवाला बाग यात्रा जानकारी

अब हम इस ब्लॉग में इस काम्प्लेक्स के एंट्री टिकट, टाइमिंग और यहाँ आने के सबसे अच्छे समय के बारे में बात करेंगे, जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं…

जालियांवाला बाग टाइमिंग

जलियांवाला बाग सुबह 6:30 बजे खुल जाता है और शाम 7 बजे तक खुला रहता है, बाकि त्योहारों या किसी विशेष अवसर पर इसके टाइमिंग में तबदीली कर दी जाती है।

जलियांवाला बाग एंट्री टिकट फीस

जलियांवाला बाग में एंट्री करने का कोई भी टिकट नहीं लगता है। आप निशुल्क ही इस काम्प्लेक्स में एंट्री कर सकते हैं।

जलियांवाला बाग आने का सबसे अच्छा समय

जलियांवाला बाग साल में हर समय खुला रहता है और आप कभी भी यहाँ पर विजिट कर सकते हैं। वैसे इस जगह पर स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर आना एक बहुत ही अच्छा समय होता है। इसके अलावा यदि मौसम के समय को ध्यान में रखकर बात की जाए तो अक्टूबर-नवंबर और फरवरी-मार्च का समय सबसे बढ़िया होता है।

जलियांवाला बाग कैसे पहुंचे?

जलियांवाला बाग पंजाब के अमृतसर में स्थित है और आप यहाँ तक ट्रेन, फ्लाइट और सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। नीचे हम विस्तार से यहाँ के रूट को बता रहे हैं…

सड़कमार्ग द्वारा:- अमृतसर पंजाब बहुत ही प्रसिद्ध शहर है और यहाँ के लिए आपको लगभग हर जगह से सीधे बस मिल जाएँगी। यदि आपके शहर से बस नहीं मिलती है तो आप पहले दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहर पहुंच सकते हैं और फिर वहां से सीधे अमृतसर के लिए बस मिल जाएँगी। अमृतसर बस स्टैंड से जलियांवाला बाग की दूरी मात्र 1.4 किलोमीटर है, जिसे आप पैदल या फिर लोकल टैक्सी, रिक्शा आदि द्वारा पूरा कर सकते हैं।

रेलमार्ग द्वारा:- यदि आप पंजाब से दूर किसी राज्य से यहाँ घूमने आ रहे हैं तो सबसे अच्छा साधन रेलमार्ग रहता है। आप कम रुपये में आसानी से अमृतसर तक पहुंच सकते हैं। जलियांवाला बाग के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन अमृतसर जंक्शन है, जो जलियांवाला बाग से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

हवाईमार्ग द्वारा:- आप फ्लाइट द्वारा भी अमृतसर तक पहुंच सकते हैं। जलियांवाला बाग के सबसे निकटतम एयरपोर्ट श्री गुरु नानक दास जी अन्तर्राष्टीय एयरपोर्ट है, जो जलियांवाला बाग से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से निरंतर फ्लाइट मिलती रहती हैं।

जलियांवाला बाग के आस-पास के आकर्षण

पार्टीशन म्यूजियम:- जलियांवाला बाग के पास ही कुछ दूरी पर एक म्यूजियम स्थित है, जिसे “पार्टीशन म्यूजियम” के नाम से जाना जाता है। इस म्यूजियम में भारत और पाकिस्तान के बटवारे से सम्बंधित बहुत सी जानकारी उपलब्ध है, जिसे आप देख व पढ़ सकते हैं। इस म्यूजियम का एंट्री टिकट 10 रुपये प्रति व्यक्ति है। आप इस म्यूजियम में भी एक बार विजिट कर सकते हैं।

स्वर्ण मंदिर:- जलियांवाला बाग के पास ही स्वर्ण मंदिर स्थित है, जो सिखों के साथ-साथ हिन्दुओ के लिए भी एक बहुत ही पवित्र स्थान है। आप जलियांवाला बाग से पैदल ही स्वर्ण मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

अटारी-बाघा बॉर्डर:- आप यहाँ से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित अटारी-बाघा बॉर्डर भी जा सकते हैं। जहाँ हर रोज फ्लैग लोरिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाता है।

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