उत्तर प्रदेश का बनारस शहर अध्यात्म का केंद्र है, यहाँ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक “काशी विश्वनाथ मंदिर” और मोक्षदायनी “मणिकर्णिका घाट” स्थित है। बनारस अपने आप में एक अद्धभुत शहर है, जिसकी यात्रा करना एक जीवन भर न भूलने वाला अनुभव होता है। वैसे तो बनारस को “घाटों का शहर” कहते हैं, लेकिन बनारस में कुछ अकल्पनीय मंदिर भी हैं, जो हिन्दू लोगो के लिए आस्था का केंद्र और विदेशी पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहते हैं।
बनारस के इन्ही प्रसिद्ध मंदिरो में एक और मंदिर को जोड़ा गया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा योग ध्यान केंद्र है। हम बात कर रहे हैं, बनारस में स्थित “स्वर्वेद महामंदिर धाम” की, जहाँ 20000 लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं। यह महामंदिर धाम वाराणसी रेलवे स्टेशन से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर उमराहा में स्थित है। वैसे तो बनारस में बहुत से मंदिर हैं, लेकिन स्वर्वेद महामंदिर अपना एक अलग महत्व रखता है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह ही की इस मंदिर में किसी भी भगवान की पूजा नहीं की जाती है, बल्कि यहाँ ध्यान योग किया जाता है।
इस ब्लॉग में हम स्वर्वेद महामंदिर से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे जैसे- स्वर्वेद महामंदिर कहाँ है? मंदिर की टाइमिंग? मंदिर में घूमने का बेस्ट समय कौन सा है? मंदिर का इतिहास और मंदिर की विशेषताएं आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े और आप इस मंदिर में पहले विजिट कर चुकें हैं तो अपना अनुभव हमारे साथ शेयर करें…
स्वर्वेद महामंदिर कहाँ है?
स्वर्वेद महामंदिर उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर बनारस के चौबेपुर इलाके के उमराह में स्थित है। बनारस के लोकल ट्रांसपोर्ट जैसे- ऑटो, e-rickshaw, टैक्सी की सहायता से आप आसानी से स्वर्वेद महामंदिर तक पहुंच जायेंगे।
- स्वर्वेद महामंदिर का एड्रेस:- स्वर्वेद महामंदिर धाम उमराहा मुड़ली वाराणसी- 221112
स्वर्वेद महामंदिर क्या है?
स्वर्वेद महामंदिर एक ध्यान योग आश्रम (Meditation Center) है। जिसे विहंगम योग संस्थान के संस्थापक सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज की संस्था द्वारा बनवाया गया है। यह 7 मंज़िला मंदिर बलुआ पत्थरों द्वारा कमल के फूल की आकर्ति में बना हुआ है, जिसे 68 हज़ार वर्गफीट में बनाया गया है। जिसकी बाहरी दीवारों पर वेद, उपनिषद, महाभारत, और रामायण जैसे पवित्र ग्रंथो के 138 प्रसंगो का चित्रण किया गया है और आंतरिक दीवारों पर स्वर्वेद ग्रन्थ के 3137 दोहो को अंकित किया गया है।
स्वर्वेद महामंदिर का इतिहास
स्वर्वेद मंदिर का इतिहास लगभग 20 साल पुराना है। इस मंदिर के निर्माण की शुरुआत 2004 में हुई और 17 दिसंबर 2023 में इस मंदिर का श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उद्धघाटन किया गया। इस मंदिर में किसी भी भगवान की पूजा नहीं की जाती है बल्कि इस मंदिर में ध्यान योग किया जाता है।। “स्वर्वेद” एक ग्रन्थ का नाम है, जिसे “संत सदाफल महाराज” द्वारा लिखा गया है, जिनके बारे में कहा जाता है की उन्होंने कई वर्षो तक हिमालय में तपस्या की जिसके बाद इस ग्रन्थ को लिखा। मंदिर के आंतरिक दीवारों पर इसी ग्रन्थ के 3137 दोहो को लिखा गया है।
स्वर्वेद महामंदिर की बनावट
यह मंदिर उत्तर प्रदेश की पवित्र नगरी बनारस में स्थित है। इस मंदिर को 68 हजार वर्गफीट में 7 मंज़िला बनाया गया है। इस मंदिर की ऊंचाई 180 फीट और इसके ऊपर 125 कमल के फूल की पंखुड़ियों की आकर्ति बनी हुई है। मंदिर के अंदर अलग-अलग भाग बनाये गए हैं जिसमे औषधियों और जड़ी-बूटी का संग्रहालय, ध्यान केंद्र, और बहुत से अलग-अलग भाग बने हुए हैं। यह मंदिर भारत की स्थापत्य शैली में बना हुआ है, जो मंदिर की खूबसूरती को एक नए रंग में पेश करती है।
मंदिर के बाहर एक बहुत ही सुन्दर गार्डन बना हुआ है जिसमे विभिन्न प्रकार के फूलो को लगाया गया है, जो मंदिर के बाहर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान योग केंद्र आश्रम है और इसमें एक साथ 20 हजार लोगो के बैठने की क्षमता है।
स्वर्वेद महामंदिर टाइमिंग
यदि आप इस ध्यान योग केंद्र में आना चाहते हैं तो आपको इस योग केंद्र की टाइमिंग के बारे में जरूर पता होना चाहिए। स्वर्वेद महामंदिर धाम सुबह 8 बजे भक्तो और पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है और रात 9 बजे तक यह खुला रहता है। आप इस समय के अनुसार कभी भी इस धाम में विजिट कर सकते हैं। वैसे कुछ विशेष अवसर जैसे विहंगम योग संस्थान के शताब्दी समारोह पर इस मंदिर की टाइमिंग में बदलाव कर दिया जाता है।
- टाइमिंग:- 8:00 Am से 9:00 Pm
स्वर्वेद मंदिर आने का सबसे अच्छा समय
स्वर्वेद महामंदिर मंदिर आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इन महीनो में मौसम काफी अच्छा होता है और इसके साथ ही अक्टूबर से नवंबर के बीच में देव दिवाली का त्यौहार पड़ता है जो बनारस में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है और दिसंबर में विहंगम योग संत समाज का स्थापना दिवस होता है, तब इस मंदिर की रौनक और भी बढ़ जाती है। यदि पूरे दिन में सबसे अच्छे समय की बात करें तो शाम का समय यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा होता है। शाम के समय में इस मंदिर में जलने वाली लाइट इस मंदिर की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती हैं।
- बेस्ट टाइम:- अक्टूबर से मार्च
- दिन में आने का सबसे अच्छा समय:- शाम में 5 बजे से 8 बजे के बीच में
स्वर्वेद महामंदिर तक कैसे पहुंचे?
स्वर्वेद महामंदिर उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में स्थित है। बनारस सड़क, रेल और हवाई तीनो मार्गो द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है, जिससे आप आसानी से स्वर्वेद महामंदिर तक पहुंच सकते हैं। नीचे हम स्वर्वेद मंदिर तक पहुंचे के साधनो के बारे में बता रहे हैं…
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप फ्लाइट द्वारा स्वर्वेद महामंदिर तक आना चाहते हैं तो मंदिर के सबसे निकटतम एयरपोर्ट लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्टीय हवाई अड्डा है। जो मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट के बाहर से आप बनारस के लोकल ट्रांसपोर्ट द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
बनारस आने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है की आप ट्रेन द्वारा बनारस आएं। मंदिर के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन है और यहाँ के लिए ट्रेनें आपको दिल्ली, बरेली, लखनऊ, कानपूर जैसे शहरों से नियमित तौर पर मिलती रहती है। रेलवे स्टेशन से आपको बहुत सी प्राइवेट और लोकल वाहन मंदिर के लिए मिल जायेंगे। जो आपको 70 से 80 रुपये में मंदिर तक पंहुचा देंगे।
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
बनारस एक प्रसिद्ध शहर है और यहाँ के लिए बसे आपको उत्तर प्रदेश के लगभग सभी शहरों से आसानी से मिल जाएँगी। यदि आपको बनारस के लिए सीधे बस नहीं मिलती हैं तो आप लखनऊ, कानपूर, अयोध्या, दिल्ली और प्रयागराज जैसे शहरों में आ सकते हैं और फिर वहां से बस लेकर सीधे बनारस पहुंच सकते हैं। बनारस के लोकल वाहनों द्वारा आप स्वर्वेद मंदिर तक आसानी से पहुंच जायेंगे।
बनारस बस स्टैंड से आपको शेयरिंग और बुकिंग दोनों तरहों से ऑटो और टैक्सी स्वर्वेद महामंदिर धाम के लिए मिल जाएँगी। शेयरिंग ऑटो आपसे 70 से 80 रुपये प्रति व्यक्ति चार्ज करेंगे और यदि आप ऑटो बुकिंग करके ले जाना चाहते हैं तो आपको लगभग 200 रुपये चार्ज देना होगा।
गाड़ी पार्किंग चार्ज
यदि आप अपनी गाड़ी से आ रहे हैं तो आपको स्वर्वेद महामंदिर के पास ही पार्किंग की सुविधा मिल जाएगी। यहाँ पर दो पहिया गाड़ी का पार्किंग चार्ज 20 रुपये और चार पहिये गाड़ी का चार्ज 50 रुपये है।
स्वर्वेद महामंदिर के आस पास के आकर्षण
आप स्वर्वेद मंदिर में घूमने के बाद इसके आस-पास के स्थलों को भी एक्स्प्लोर कर सकते हैं। नीचे हम स्वर्वेद महामंदिर के आस-पास के स्थलों के बारे में बता रहे हैं…
काशी विश्वनाथ मंदिर:- भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस का मुख्य मंदिर है। आप बनारस में आने पर सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करें।
काल भैरव मंदिर- काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं और काल भैरव को बनारस का रक्षक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है की काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद यदि काल भैरव के दर्शन नहीं किये तो बनारस की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है।
बनारस घाट:- बनारस को घाटों का शहर कहा जाता है। बनारस में गंगा किनारे कुल 84 घाट हैं, जिसमे अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट मुख्य घाट हैं।
सारनाथ:- आप बनारस से लगभग 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित सारनाथ भी जा सकते हैं। यह गौतम बुद्ध की वजह से बहुत अधिक प्रसिद्ध है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
इसके अलावा भी बहुत सी जगहें हैं जहाँ आप घूमने के लिए जा सकते हैं जैसे- बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय, संकट मोचन मंदिर, दुर्गा मंदिर, रामनगर किला आदि।
FAQ
- Q.1 स्वर्वेद महामंदिर का पता क्या है?
- Ans. स्वर्वेद मंदिर बनारस के चौबेपुर इलाके के उमरहा में स्थित है। यह काशी विश्वनाथ मंदिर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- Q.2 स्वर्वेद का अर्थ क्या है?
- Ans. स्वर्वेद दो शब्दों से मिलकर बना है, एक स्वः- यानि आत्मा और वेद- यानि ज्ञान अर्थात आत्मा का ज्ञान।
- Q.3 स्वर्वेद महामंदिर क्या है?
- Ans. स्वर्वेद महामंदिर दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान योग केंद्र है, जिसमे एक साथ 20000 लोग ध्यान कर सकते हैं।